Pitru Paksh 2018, Shradh: आश्विन कृष्ण पक्ष को श्राद्ध पक्ष और पितृ पक्ष कहा जाता है। पितृ पक्ष में मृत पूर्वजों की मृत्यु तिथियों के हिसाब से उनका क्षाद्ध किया जाता है। मालूम हो कि श्राद्ध दो तरह का होता है। एक- पार्वण श्राद्ध और दूसरा- एकोदिष्ट श्राद्ध। जो श्राद्ध आश्विन कृष्ण के पितृ पक्ष में किया जाता है, उसे पार्वण श्राद्ध कहा जाता है। पार्वण श्राद्ध अपराह्न में मृत्यु तिथि पर किया जाता है। वहीं वह श्राद्ध जो मृत्यु तिथि पर मासपक्ष में किया जाता है, उसे एकोदिष्ट श्राद्ध कहा जाता है। एकोदिष्ट श्राद्ध मध्याह्न में किया जाता है। मालूम हो कि कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें श्राद्ध के दौरान करने की मनाही है। आइए ऐसे ही पांच कामों के बारे में जानते हैं।

1. ऐसा कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पूर्वज किसी भी रूप में अपने परिजनों से मिलने आते हैं। ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान किसी को भी भोजन या पानी देने से मना नहीं करना चाहिए। घर आने वाले शख्स को भरपेट भोजन कराकर आदर पूर्वक विदा करना चाहिए।

2. श्राद्ध के दौरान गाय, कुत्ता, बिल्ली और कौआ को मारने की भी मनाही है। कहते हैं कि घर के द्वार पर आने वाले गाय, कुत्ता, बिल्ली और कौआ को कुछ भोजन जरूर देना चाहिए। मान्यता है कि मृत पूर्वज इनका रूप धरकर भी परिजनों से मिलने आते हैं।

3. इस दौरान मांसाहार से दूर रहने के लिए कहा गया है। कहा जाता है कि श्राद्ध में मांस, मछली या अंडा का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही शराब और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन की भी मनाही है। ऐसा नहीं करने से परिवार में कलह बढ़ने की मान्यता है।

4. पितृ पक्ष में ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए भी कहा गया है। कहते हैं कि इस दौरान स्त्री-पुरुष संबंध नहीं बनाने चाहिए। इसके साथ ही श्राद्ध के दौरान नाखून, बाल एवं दाढ़ी-मूंछ बनाने के लिए भी मना किया गया है।

5. श्राद्ध के दौरान घरों में जो भी भोजन बने, उसमें से कुछ हिस्सा अपने पितरों के नाम से निकालकर रख दें। आप इस भोजन को गाय या कुत्ते के खिला दें।