पौष पूर्णिमा को शास्त्रों में खास महत्व प्रदान किया गया है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार इस दिन गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा इस महीने 21 जनवरी को यानि आज है। ज्योतिष के मुताबिक पौष माह भगवान सूर्य को समर्पित माना गया है। इस दिन सुबह सूर्य और रात्रि में चंद्र को अर्घ्य देने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन की सारी बढ़ाएं दूर होती है। पौष पूर्णिमा पर दान का भी विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन दान करने से अत्यधिक शुभ फल प्राप्त होता है।
पौष पूर्णिमा का महत्व: पौष-पूर्णिमा मोक्ष की कामना रखने वालों के लिए बहुत ही शुभ मानी जाता है। इस पूर्णिमा के बाद माघ महीने की शुरुआत हो जाती है। माघ महीने में किए जाने वाले स्नान की शुरुआत भी पौष पूर्णिमा से ही हो जाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन विधिपूर्वक प्रात:काल स्नान करता है वह मोक्ष का अधिकारी होता है। उसे जन्म-मृत्यु के बंधनों से छुटकारा मिल जाता है। चूंकि माघ मास को बहुत ही शुभ और इसके प्रत्येक दिन को मंगलकारी माना जाता है। इसलिए इस दिन जो भी कार्य आरंभ किया जाता है उसे फलदायी माना जाता है। इस दिन स्नान के बाद क्षमता अनुसार दान करने का भी महत्व है।
कहां करें स्नान: पौष पूर्णिमा पर बनारस के दशाश्वमेध घाट और प्रयाग में त्रिवेणी संगम पर डुबकी लगाना बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है। प्रयाग में तो कल्पवास कर लोग माघ माह की पूर्णिमा तक स्नान करते हैं। जो लोग प्रयाग या बनारस तक नहीं जा सकते वे किसी भी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करते हुए प्रयागराज का ध्यान कर सकते हैं।


