Paush Amavasya Kab Hai : हिंदू धर्म में पौष अमावस्या का विशेष महत्व है। यह दिन पितरों को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन पितर धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए तर्पण, श्राद्ध और दान को स्वीकार करते हैं। वहीं वह अपने वंशजों को सुख- समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। साथ ही इस दिन दान- स्नान का भी विशेष महत्व होता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं पौष अमावस्या के बारे में, जो इस साल 19 दिसंबर को मनाई जाएगी। वहीं इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। इसलिए इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं तिथि और दान- स्नान का शुभ मुहूर्त…

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पौष अमावस्या तिथि 2025 (Paush Amavasya Kab Hai) 

वैदिक पंचांग के मुताबिक इस वर्ष पौष माह की अमावस्या तिथि 19 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी। वहीं यह तिथि अगले दिन 20 दिसंबर, शनिवार को सुबह 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार पौष अमावस्या 19 दिसंबर को मनाई जाएगी।

पौष अमावस्या दान- स्नान का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार पौष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:19 बजे से 6:14 बजे तक रहेगा। इस अवधि को स्नान और धार्मिक कर्मों के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:58 बजे से 12:39 बजे तक रहेगा। यह मुहूर्त दान के लिए सर्वोत्तम है। साथ ही पौष अमावस्या पर लाभ-उन्नति का मुहूर्त सुबह 8:26 बजे से 9:43 बजे तक है, जबकि अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 9:43 बजे से 11:01 बजे तक रहेगा।

पौष अमावस्या पर ग्रह- नक्षत्रों का विशेष संयोग

पौष अमावस्या पर सुबह से लेकर दोपहर 3:46 बजे तक शूल योग सक्रिय रहेगा, जिसके बाद गण्ड योग शुरू हो जाएगा। वहीं इस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र सुबह से रात 10:52 बजे तक रहेगा। इसके बाद मूल नक्षत्र का आरंभ होगा। ज्योतिष में ज्येष्ठा और मूल नक्षत्र दोनों ही आध्यात्मिक कर्म, तर्पण और पूजा-पाठ के लिए शुभ माने जाते हैं।

पौष अमावस्या का महत्व

इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं आपको बता दें कि अमावस्या पर दान-पुण्य और पितरों की पूजा करने से न सिर्फ गुजरी हुई आत्माओं को शांति मिलती है, बल्कि परिवार में खुशहाली भी बनी रहती है। वहीं इसके अलावा इ, दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

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