Param Ekadashi 2020/ Adhik Maas Ekadashi 2020 : अधिक मास की आखिरी एकादशी परम एकादशी के नाम से जानी जाती है। इस साल परम एकादशी व्रत 13 अक्तूबर, मंगलवार के दिन रखा जाएगा। परम एकादशी परम पावन है। मान्यता है कि एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है जो भी व्यक्ति एकादशी की तिथि पर व्रत रखता है वह भगवान विष्णु के प्रिय भक्तों की श्रेणी में शामिल हो जाता है। इसलिए अधिक मास में आने वाली एकादशी का महत्व और भी अधिक माना गया है।

परम एकादशी का महत्व (Param Ekadashi Ka Mahatva)
परम एकादशी भगवान विष्णु के भक्तों को परम सुख देने वाली मानी गई हैं। कहते हैं कि इस एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। माना जाता है कि जो लोग अधिक मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली परम एकादशी का व्रत रखते हैं वह भगवान विष्णु के धाम यानी बैकुंठ धाम को प्राप्त करते हैं। बताया जाता है कि बैकुंठ धाम की प्राप्ति करने के लिए ऋषि-मुनि और संत आदि हजारों वर्षो तपस्या करते हैं। लेकिन एकादशी का व्रत इतना अधिक प्रभावशाली होता है कि इसके माध्यम से भी बैकुंठ धाम प्राप्त कर मोक्ष की प्राप्ति की जा सकती है।

परम एकादशी पूजा विधि (Param Ekadashi Puja Vidhi/ Param Ekadashi Pujan Vidhi)
परम एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि करें। साफ पीले रंग के वस्त्र पहनें।एक चौकी लेकर उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
फिर उस पर लाल कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। चावल और फूलों से कुमकुम की पूजा करें।
इसके बाद चौकी पर भगवान विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा विराजमान करें।
दीप, धूप और अगरबत्ती जलाएं।
उनको फूलों का हार चढ़ा कर मस्तक पर चंदन का तिलक लगाएं।
साथ ही भगवान विष्णु को उनका अत्यंत प्रिय तुलसी का पत्ता भी अर्पित करें।
विष्णु चालीसा, विष्णु स्तुति, विष्णु स्तोत्र, विष्णु सहस्त्रनाम और परम एकादशी व्रत की कथा पढ़ें।
भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। फिर भगवान विष्णु की आरती कर उन्हें भोग लगाएं।
इसी तरह व्रत वाले दिन सूर्यास्त होने के बाद भी पूजन करें।

परम एकादशी शुभ मुहूर्त (Param Ekadashi Shubh Muhurat)
शुभ मुहूर्त – 13 अक्तूबर, मंगलवार – रात 8 बजकर 40 मिनट से रात 10 बजकर 10 मिनट तक
एकादशी तिथि आरंभ – 12 अक्तूबर, सोमवार – दोपहर 4 बजकर 38 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त – 13 अक्तूबर, मंगलवार – दोपहर 2 बजकर 35 मिनट तक