Panchak Vichar: आषाढ़ मास के पंचक की शुरुआत 11 जून से हो चुकी है जिसकी समाप्ति 16 जून को होगी। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्तों को देखते समय पंचक का विचार किया जाता है। इन पांच दिनों की अवधि को शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि इस समय किये गये कार्यों में सफलता हासिल नहीं होती। ज्योतिष शास्त्र में धनिष्ठा से रेवती तक जो 5 नक्षत्र (धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती) आते हैं, उन्हे पंचक कहा जाता है।

इन नक्षत्रों के आने पर विशेष सावधानी की जरूरत पड़ती है। किसी भी तरह का जोखिमभरा कार्य पंचक के समय में नहीं करना चाहिए। लेकिन इस दौरान कुछ शुभ कार्य ऐसे हैं जिन्हें आप कर सकते हैं। पंचक में आने वाला उत्तराभाद्रपद नक्षत्र वार के साथ मिलकर सर्वार्थसिद्धि योग बनाता है, ये योग शुभ कार्यों को करने के लिए उत्तम माना गया है। तो वहीं शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र और धनिष्ठा नक्षत्र यात्रा, व्यापार, मुंडन आदि कार्यों के लिए श्रेष्ठ माने गए हैं।

ज्योतिष अनुसार इन पांच दिनों में दक्षिण दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। ऐसा करने से धन हानि, बीमारी और नुकसान होने की संभावना रहती है। मान्यता है कि अगर पंचक के दौरान किसी भी तरह के अशुभ कार्य हो जाएं तो आने वाले दिनों में फिर से उन कामों के होने की स्थिति उत्पन्न होने लगती है। इन 5 दिनों में पलंग की खरीदारी नहीं करनी चाहिए ऐसा करने से घर में बीमारियां आती हैं। विद्वानों का कहना है कि इन 5 दिनों में जब चंद्रमा रेवती नक्षत्र में हो तब घर की छत नहीं बनवानी चाहिए। इससे धन हानि होती है। इन 5 दिनों में अगर किसी का अंतिम संस्कार करना पड़ जाए तो किसी विद्वान की सलाह जरूर लें। ऐसा न हो पाए तो शव के साथ आटे या कुश के पांच पुतले बनाकर इन पांचों का भी शव की तरह विधि-विधान से अंतिम संस्कार करना चाहिए। इससे पंचक दोष खत्म होता है।

इन 5 दिनों के दौरान जब घनिष्ठा नक्षत्र हो, उस समय घास, लकड़ी और जलने वाली चीजें इकट्ठी नहीं करनी चाहिए। इससे आग लगने का खतरा रहता है। अगर घर में शादी का शुभ समय आ गया है और समय की कमी के कारण इस दौरान लकड़ी का सामान खरीदना जरूरी हो तो गायत्री हवन करवा कर आप खरीदारी कर सकते हैं।

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पंचक के 5 नक्षत्रों का अशुभ प्रभाव:
– धनिष्ठा नक्षत्र में आग लगने का भय
– शतभिषा नक्षत्र में वाद-विवाद होने के योग
– पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र रोग का कारक
– उत्तरा भाद्रपद में धन हानि के योग
– रेवती नक्षत्र में नुकसान व मानसिक तनाव होने की संभावना