Panchak September 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, इस माह पंचक 6 सितंबर 2025 से प्रारंभ हो रहा है। चूंकि यह शनिवार के दिन शुरू हो रहा है, इसलिए इसे मृत्यु पंचक कहा गया है। शास्त्रों के अनुसार यह पंचक बेहद अशुभ और कष्टकारी माना गया है। मान्यता है कि इस दौरान व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस काल में दुर्घटना और अनहोनी की संभावना भी बढ़ जाती है, इसलिए जोखिम भरे कार्यों से बचना चाहिए। बता दें कि हर माह 5 दिन ऐसे होते हैं जिसमें किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कामों को करने की मनाही होती है। ऐसे में आइए जानते हैं, सितंबर महीने में यह मृत्यु पंचक कब से कब तक रहेगा।
सितंबर 2025 में कब से कब तक है पंचक?
द्रिक पंचांग के अनुसार, 6 सितंबर को सुबह 11 बजकर 21 मिनट से पंचक आरंभ हो रहे हैं, जो 10 सितंबर को शाम 4 बजकर 3 मिनट तक रहेगा।
सितंबर में लगेंगे मृत्यु पंचक 2025
सितंबर 2025 में पड़ने वाले पंचक शनिवार के दिन से आरंभ हो रहे हैं। ऐसे में इसे मृत्यु पंचक कहा जाएगा। मृत्यु पंचक वह समय होता है जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्रों से होकर गुजरता है। यदि यह समय शनिवार से शुरू होता है, तो इसे मृत्यु पंचक कहा जाता है, जो अन्य पंचकों की तुलना में अधिक अशुभ माना जाता है।
पंचक के दौरान न करें ये काम
चारपाई या बिस्तर खरीदने से बचें
हिंदू वास्तु और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक काल के दौरान पलंग, चारपाई या बिस्तर जैसी वस्तुएं बनाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में अशांति या कलह बढ़ सकती है।
यात्रा करने से बचें
पंचक काल में दक्षिण दिशा की यात्रा करना अशुभ माना जाता है। दक्षिण दिशा का संबंध शनि और यमदेव से जुड़ा माना जाता है। ऐसे में इस समय यात्रा करने से संकट, बाधा या अशांति आने की संभावना बढ़ जाती है। यदि यात्रा बहुत जरूरी हो, तो हनुमान चालीसा का पाठ करने के साथ ही दही का सेवन कर घर से निकलें।
छत या निर्माण कार्य न करें
पंचक काल में छत डालना या निर्माण कार्य करना अत्यंत अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि यदि इस समय छत या घर का कोई बड़ा निर्माण किया जाए, तो इससे घर में सदस्यों के बीच मन-मुटाव और कलह बढ़ती है। साथ ही, परिवार में स्वास्थ्य या मानसिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।
लकड़ी खरीदने से बचें
पंचक काल के दौरान लकड़ी इकट्ठा करना या खरीदना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा इस दौरान जोखिम भरे कोई भी काम न करें।
दाह संस्कार
पंचक काल में दाह संस्कार (अंत्येष्टि) करना अशुभ माना जाता है। इस काल को अशुभ समय माना जाता है, इसलिए इस दौरान किसी भी प्रकार के अंतिम संस्कार करने से पंचक दोष लगता है। ऐसा करने से घर और परिवार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में इस दोष से बचने के लिए शव के साथ कुश से बना पुतला रखें। इस पुतले का भी विधिवत तरीके से दाह संस्कार करें।
धर्म संबंधित अन्य खबरों के लिए क्लिक करें
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।