Panchak 2025: हिंदू धर्म के समुदाय किसी भी शुभ या फिर मांगलिक कार्य करने से पहले शुभ-अशुभ योग अवश्य देखते हैं, जिससे उस काम में अपार सफलता और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। हर एक तिथि, माह का महत्व अलग-अलग होता है। ऐसे ही हर माह 5 दिन ऐसे होते है जिसमें कई प्रकार के शुभ कामों को करने की मनाही होती है। इसे पंचक कहा जाता है। बता दें कि ये पंचक 5 नक्षत्रों से मिलकर बना होता है। बता दें कि अप्रैल माह के अंत से पंचक आरंभ होने वाले हैं। बुधवार के दिन शुरू होने के कारण इन्हें बुध पंचक या दोषरहित पंचक कहा जाएगा। आइए जानते हैं इस पंचक के दौरान किन कामों को करने की होती है मनाही?

कब से कब तक रहेगा अप्रैल में पंचक 2025?

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार 23 अप्रैल, बुधवार की आधी रात 12 बजकर 31 मिनट से पंचक शुरू हो रहा है, जो 27 अप्रैल, रविवार को दोपहर 3 बजकर 39 मिनट तक समाप्त होंगे।

पंचक के दौरान न करें ये काम

बुध को पड़ने वाले पंचक को दोषहरित पंचक कहा जाता है। इस दौरान सिर्फ 5 कामों को करने की मनाही होती है। इसके अलावा किसी भी काम को करना दोषरहित होगा।

मुहूर्त-चिंतामणि के अनुसार, पंचक के दौरान इन पांच कामों को करने की मनाही होती है।

अग्नि-चौरभयं रोगो राजपीडा धनक्षतिः।
संग्रहे तृण-काष्ठानां कृते वस्वादि-पंचके।।’

अर्थ- पंचक के दौरान तिनकों और काष्ठों के संग्रह से अग्निभय, चोरभय, रोगभय, राजभय एवं धनहानि संभव है। इसलिए इन चीजों को करने की मनाही होती है।

  • पंचक के दौरान लकड़ी खरीदना या एकत्र करने की मनाही होती है, क्योंकि पंचक के दौरान अग्नि लगने के काफी अधिक अवसर होते हैं
  • पंचक के दौरान छत नहीं डलवाना चाहिए, क्योंकि इस छत के नीचे रहने वाले लोगों के बीच अशांति बनी रहती है।
  • पंचक के दौरान दाह संस्कार करने की मनाही होती है। इस दौरान शव का संस्कार करने से पंचक दोष लगता है। ऐसे में अगर पंचक में दाह संस्कार करना है, तो शव के साथ कुश का बना एक पुतला जरूर रखें और इसका भी विधिवत तरीके से दाह संस्कार करें।
  • पंचक के दौरान पलंग या चारपाई नहीं बनाना चाहिए। इससे भी अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
  • मुहूर्त-चिंतामणि के अनुसार, पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए।

अप्रैल माह के 21 से 27 तक का सप्ताह काफी खास होने वाला है। इस सप्ताह सूर्यदेव अपनी उच्च राशि मेष में विराजमान रहेंगे। इसके साथ ही मीन राशि में शनि, शुक्र, राहु और बुध विराजमान है, जिससे मालव्य, लक्ष्मी नारायण से लेकर चतुर्ग्रही योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही चंद्रमा के इस राशि में आने से पंचग्रही योग का भी निर्माण होगा। इस सप्ताह कई राशि के जातकों को किस्मत का साथ मिल सकता है। जानें 12 राशियों का साप्ताहिक राशिफल

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