यूं तो उत्तराखंड राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक विरासत के लिए पूरे संसार में प्रसिद्ध है। यहां पर ऊंचे-ऊंचे पर्वत, झड़ने, ताल-बुग्याल, नदियां अपनी प्राकृतिक छटा को बिखेरते हैं। परंतु आज हम यह जानेंगे कि यहां पर स्थित पंच-बद्री, पंच केदार, पंच प्रयाग और चार धामों की क्या महिमा है। साथ ही यह भी जानेंगे कि उत्तराखंड राज्य में स्थित ये पांच धार्मिक स्थल किस प्रकार अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों में खास है। आगे हम इसे जानते हैं।

सर्वप्रथम पंच-बद्री में केदारनाथ, श्री आदि बद्री, श्री वृद्ध बद्री, श्री योग ध्यान बद्री और भविष्य बद्री आते हैं। बता दें कि ये सभी उत्तराखंड के चमौली जनपद में स्थित हैं। वहीं पंच-केदारों में श्री केदारनाथ, श्री कलपेश्वर महदेव, श्री मदमहेश्वर महादेव, श्री रुद्रनाथ और श्री तुंगनाथ जी हैं। तुंगनाथ जी उत्तराखंड के सबसे ऊंचाई पर स्थित मंदिर है। इनमें से कुछ चमौली जनपद में हैं और कुछ रुद्रप्रयाग जनपद में हैं। अगर बात करें पंच-प्रयागों की तो इसके बारे में मान्यता है कि जिसे हम प्रयाग कहते हैं वो दो नदियों का संगम है। देवप्रयाग- यह अलकनंदा और भागीरथी नदी के संगम पर स्थित है।

कर्ण प्रयाग- पिंडर और अलकनंदा का संगम कर्ण प्रयाग में होता है। रुद्र प्रयाग- मंदाकिनी और अलकनंदा का संगम रुद्र प्रयाग में होता है। नंद प्रयाग- अलकनंदा और मंदाकिनी का संगम नंद प्रयाग में होता है। विष्णु प्रयाग- धोली और विष्णु गंगा जी का संगम विष्णु प्रयाग में होता है। इसके अलावा यदि बात करें उत्तराखंड के चार धामों में बद्रीनाथ चमौली जनपद में, केदारनाथ रुद्रप्रयाग में, गंगोत्री उत्तरकाशी में और यमुनोत्री उत्तरकाशी में स्थित है। मान्यता है कि ये पांच स्थान पंच केदार और पंच प्रयाग के नाम से प्रसिद्ध हैं।