Onam 2023 Date: दक्षिण भारत में ओणम का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर, केरल राज्य में बहुत  ही धूमधाम से मनाते हैं। सोलर कैलेंडर के अनुसार चिंगम महीने में मनाया जाता है। ये मलयालम कैलेंडर का पहला महीना होता है। इसमें  थिरुवोणम नक्षत्र प्रबल स्थिति में होता है। इस कारण इसे थिरुओणम का दिन भी कहा जाता है। इसके अलावा इसे तिरुओणम भी कहते हैं। ये पर्व अधिकतर अगस्त-सितंबर महीने के बीच में आता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ओणम यानी थिरुओणम के दिन राजा महाबली अपनी  प्रजा से मिलने के लिए आते हैं। इसी के कारण उनकी आने की खुशी में इस पर्व को पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है।  जानिए ओणम पर्व कब से कब तक है। इसके साथ ही जानिए इसका महत्व।

कब से कब तक ओणम 2023?

इस साल ओणम का पर्व 20 अगस्त से शुरू हो रहा है, जो 31 अगस्त को समाप्त होगा। 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में हर एक दिन काफी खास होता है।

पहला ओणम- 28 अगस्त 2023, सोमवार
थिरुओणम- 29 अगस्त 2023
तीसरा ओणम- 30 अगस्त 2023
चौथा ओणम- 31 अगस्त 2023

थिरुओणम नक्षत्र की तिथि और समय

थिरुओणम नक्षत्र आरंभ- 29 अगस्त को सुबह 2 बजकर 43 मिनट से
थिरुओणम नक्षत्र समाप्त- 29 अगस्त को रात 11 बजकर 50 मिनट पर

क्यों मनाते हैं ओणम?

मान्यताओं के अनुसार, केरल में महाबली नाम का एक असुर राजा था। वह बहुत ही परोपकारी और दानी राजा था। लेकिन अधिक शक्तिशाली होने के कारण उसने तीन लोगों के साथ देवताओं पर विजय प्राप्त कर ली। ऐसे में देवताओं से भगवान विष्णु से मदद मांगी। ऐसे में विष्णु जी ने वामन अवतार लेकर महाबली से दान में पृथ्वी से लेकर आकाश तक की जमीन नाप दी। इसके बाद महाबली को पाताल में जा कर रहना । लेकिन भगवान विष्णु महाबली की भक्ति से काफी प्रसन्न थे। ऐसे में उन्होंने महाबली को वरदान दिया कि साल में एक बार अपने राज्य और प्रजा के बीच लौट सकता है। महाबली के आने की खुशी में ही ओणम का पर्व मनाते हैं।    

ओणम के 10 दिनों का महत्व

ओणम पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। जिसकी शुरू घरों को साफ सुथरा करने के साथ पीले रंग के फूलों से सजाने के साथ होती है। इसे अथम कहा जाता है। इसके बाद चिथिरा, चोधी, विशाकम, अनिज़म, थ्रिकेटा,मूलम, पूरदाम, उथराडोम और अंत में थिरुवोनम आता है। इसे ओणम साद्य भी कहा जाता है।