Sawan 2024 Om Namah Shivay ( ऊं नम: शिवाय:): सावन माह भगवान शिव का सबसे प्रिय माह माना जाता है। इस माह में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से व्यक्ति को हर एक दुख-दर्द से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शिवपुराण के अनुसार, सावन माह के दौरान भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, आक का फूल, शमी पत्र, शहद, दही, पंचामृत, भस्म आदि चढ़ाना शुभ माना जाता है। लेकिन अब ये सब नहीं कर पा रहे हैं, तो बस एक लोटा जल विधिवत तरीके से चढ़ा दें। ऐसा करने से आपको हर एक दुख-दर्द से निजात मिल जाती है। इसके साथ ही सावन के दौरान भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र यानी ‘ऊँ नम: शिवाय:’ मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि शिव के इस प्रिय का जाप स्त्री और पुरुष को अलग-अलग तरीके से करना चाहिए। इससे भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने महाशिवपुराण की कथा कहते हुए इस बारे में विस्तार से बताया गया है कि स्त्री और पुरुष को किस तरीके से ‘ऊं नम: शिवाय:’ मंत्र का जाप करना चाहिए…

शिव के इस पंचाक्षर मंत्र से सृष्टि के पांचों तत्वों को नियंत्रित किया जा सकता है। ऊँ नमः: शिवाय: की पंच ध्वनियां सृष्टि में मौजूद पंच तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। भगवान शिव को सृष्टि के संचार कर्ता माने जाते हैं। ‘ऊं नम: शिवाय:’ को ‘न’ पृथ्वी,’मः’पानी,’शि’अग्नि ,’वा’ प्राणवायु और ‘य’ आकाश को इंगित करता है। शिवपुराण के अनुसार, स्वयं शिवजी से पार्वती जी को इस मंत्र के बारे में बताया था। उन्होंने कहा कि कलयुग में समस्त पापों, कष्टों को दूर करने के लिए यह मंत्र कारगर साबित होगा।

पुरुष ऐसे करें शिव मंत्र का जाप

शिव पुराण के अनुसार, जब पुरुष इस शिव मंत्र का जाप करें,तो षडाक्षर से शुरू कर सकता है यानी कि वह सीधे ‘ऊँ नम: शिवाय:’ कह सकता है। इसके साथ ही 11, 21, 108 बार इस मंत्र का जाप करें।

महिलाएं ऐसे करें ‘ऊं नम: शिवाय:’ मंत्र का जाप

महिलाएं जब इस मंत्र का जाप करेंगी, तो पंचाक्षर से शुरू करके षडाक्षर तक जाएंगे। इसलिए महिलाएं जब भी ‘ऊं नम: शिवाय:’ मंत्र का जाप करें, तो इसकी शुरुआत ‘नम: शिवाय: ऊं नम: शिवाय:’ बोलें।

ऊं नम: शिवाय: का महत्व

ऊें एक एकाक्षर मंत्र है जो तीन गुणों यानी अतीत, सर्वज्ञ औप सर्वकर्ता से हैं, जो प्रभु शिव ही प्रतिष्ठित है। स्कन्दपुराण के अनुसार, ‘ॐ नमः शिवाय’ महामंत्र मोक्ष प्रदाता है। पापों का नाश करने के साथ परलौलिक सुख दाने वाला माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने मात्र से शिव जी अति प्रसन्न हो जाते हैं। इस मंत्र का जाम रुद्राक्ष माला के द्वारा किया जाता है।

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