हिंदू धर्म में अखंड ज्योति यानी अखंड दीपक का विशेष महत्व है। किसी भी  शुभ या मांगलिक काम में दीपक अवश्य जलाया जाता है। दीपक दो तरह के जलाए जाते हैं। एक कर्मदीप, जो सिर्फ पूजा के सम जलाते हैं। इसके साथ ही दूसरा अखंड दीप इसे तब तक जलाते है जब तक त्योहार या फिर पूजा संपन्न न हो जाए। जैसे नवरात्रि, गणेश चतुर्थी, सत्य नारायण की कथा आदि के दौरान अखंड ज्योति जलाने का विधान है। इसके अलावा देवी-देवता के कई मंदिरों में अखंड ज्योति जलाते हैं। नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाना सबसे शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-शांति, सुख-समृद्धि आती है और हर काम सिद्ध हो जाते हैं। इसके साथ वातावरण शुद्ध हो जाता है। देवीभागवत पुराण में इस बारे में विस्तार से बताया गया है। आइए जानते हैं अखंड दीपक की ज्योति  किस दिशा में होना शुभ और किस दिशा में होना आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है…

अखंड ज्योति की बाती किस दिशा में जलाना होगा शुभ

दक्षिण दिशा की ओर अखंड ज्योति की बाती

देवी भागवत पुराण के अनुसार, जब भी घर में अखंड दीपक जला रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि इसकी लौ यानी बाती मुख दक्षिण दिशा की ओर न हो। मान्यता है कि ऐसा करने से उस घर में सालभर के अंदर एक घात यानी किसी की मृत्यु जरूर होती है। इसलिए कभी भी बाती की मुख दक्षिण दिशा की ओर न करें।

पश्चिम दिशा की ओर अखंड ज्योति की बाती

देवी भागवत पुराण के अनुसार, अखंड ज्योति की दीपक पश्चिम दिशा की ओर जलाना शुभ माना जाता है। इस दिशा में बाती का मुख होने से सुख-समृद्धि, धन संपन्नता के साथ हर दुख से छुटकारा मिल जाता है।

पूर्व दिशा की ओर अखंड ज्योति की बाती

देवी भागवत पुराण के अनुसार, अगर आपकी अखंड दीपक की बाती पूर्व दिशा की ओर है, तो यह काफी शुभ माना जाता है। इससे मां लक्ष्मी के साथ अन्य देवी-देवता अति प्रसन्न होते है। इसके साथ ही घर में संपन्नता की वृद्धि होती है। हर क्षेत्र में सफलता मिलने के साथ-साथ धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है।

उत्तर दिशा की ओर अखंड ज्योति की बाती

उत्तर दिशा में अखंड ज्योति की बाती यानी लौ होना काफी शुभ माना जाता है अगर किसी घर में इस दिशा में बाती करके अखंड ज्योति जलाई जाती है, तो आयु में वृद्धि होती है। इसके साथ ही अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें