धार्मिक शास्त्रों में दान का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है दान करने से ग्रह प्रसन्न होते हैं। साथ ही भगवान का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। दान से पुण्य की भी प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आपको पता है कुछ चीजें दान करने से सुख-समृद्धि का नाश हो सकता है। आइए जानते हैं शास्त्रों के अनुसार किन चीजों की दान करने की मनाही होती है।

मां लक्ष्मी की मूर्ति दान में नहीं देनी चाहिए:

शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी की मूर्ति कभी भी दान में नहीं देनी चाहिए। ऐसा माना जाता है मां लक्ष्मी की विदाई कभी घर से नहीं करनी चाहिए। क्योंकि लक्ष्मी माता को धन और ऐश्वर्य की देवी माना गया है, जिनका आशीर्वाद बने रहने से हमें धन, वैभव और सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही चांदी के सिक्के या आभूषण जिन पर लक्ष्मी- गणेश जी बने हुए हैं। उनका भी दान नहीं करना चाहिए।

पात्रों का भी नहीं करना चाहिए दान:

हर किसी व्यक्ति को पात्र का दान नहीं करना चाहिए। पात्र का दान उस व्यक्ति को ही करना चाहिए। जो इसका जरूरतमंद हो। क्योंकि अगर आप समर्थ्य व्यक्ति को पात्र का दान करते हैं। तो वह उसका इस्तमाल नहीं करेगा और वो उसको कहीं भी रख देगा। जिससे दान पुण्य भी प्राप्त नहीं होगा। इसलिए पात्र का दान भी किसी जरूरतमंद या गरीब व्यक्ति को ही करना चाहिए। जिससे वह उसका उचित इस्तमाल कर सके।

धार्मिक पुस्तक का नहीं करना चाहिए दान:

शास्त्रों के अनुसार धार्मिक पुस्तक का दान भी किसी नास्तिक व्यक्ति को नहीं करना चाहिए। मतलब दान करने समय यह जरूर चिंतन करना चाहिए। कि जिस व्यक्ति को हम दान कर रहे हैं। वह उसके लिए उचित है भी या नहीं। क्योंकि आपकी दान की हुई धार्मिक पुस्तकों को बोझ समझकर उसे कहीं कोने में पटक देंगे। और इससे आपको अपने दान से पुण्य फल नहीं पाएगा बल्कि पाप चढ़ेगा। इसलिए धार्मक पुस्तक का दान हमेशा आस्तिक व्यक्ति को ही करना चाहिए।

अन्न का दान भी सोच- समझकर करें:

शास्त्रो में अन्न के दान का विशेष महत्व है। किसी भूखे व्यक्ति को खाना खिलाने से भगवान भी प्रसन्न होते हैं और आपको उस व्यक्ति की दुआएं भी मिलती हैं। जिनसे ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव भी कम होता है। लेकिन ध्यान रखें कि कभी भी अपना झूठा या बासी भोजन का दान नहीं करना चाहिए। इससे भूखे व्यक्ति के साथ ही मां अन्नपूर्णा का भी अपमान होता है।