Neelam Ratna Identification: ज्योतिष शास्त्र में नीलम रत्न को सबसे तेज़ असर करने वाला रत्न माना जाता है। ये शनि का रत्न माना जाता है। ये एक ऐसा जेमस्टोन है जिसे दुनिया के सबसे फेसम रत्नों में एक माना जाता है। इस रत्न को हर कोई ऐसे नहीं पहन सकता है। क्योंकि अगर आपको नीलम सूट नहीं किया , तो जीवन में उलट-पुलट हो सकती है। वहीं अगर ये आपको सूट कर गया, तो रंक से राजा बनाने में देर नहीं लगाता है। नीला रंग के होने के कारण नीलम बाजार में काफी मात्रा में नकली बिक रहा है। इसकी पहचान करना बेहद जरूरी है, वरना ये आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे नकली नीलम पहचानने के आसान तरीका। इसके साथ ही जानें नीलम रत्न कब, किन्हें और कैसे धारण करना फायदेमंद हो सकता है…
नीलम (Blue Sapphire) क्या है?
नीलम एक विश्व-प्रसिद्ध जेमस्टोन है जिसे इंग्लिश में Blue Sapphire कहा जाता है। नीलम रत्न कोरंडम (Corundum) खनिज परिवार से संबंधित है। यह शनि ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है और अपने अत्यंत तेज़ प्रभाव के कारण इसे सबसे शक्तिशाली रत्नों में गिना जाता है। इसी परिवार का सदस्य माणिक (Ruby) भी है, जो लाल रंग का होता है।
नीलम पहनने से क्यों डरते हैं लोग?
नीलम शनि का रत्न माना जाता है। ऐसे में इस रत्न को लेकर मान्यता है कि ये रत्न जिसे सूट कर जाए, उसे राजा बना देता है और जिसे सूट न करे, उसे अर्श से फर्श पर ला सकता है।
क्या वास्तव में नीलम इतना खतरनाक है?
रत्न शास्त्र के अनुसार, असल में नीलम इतना खतरनाक नहीं होता है। अगर बिना कुंडली देखे नीलम पहन लिया जाए या फिर लालच या दूसरों को देखकर नीलम धारण कर लिया जाए। इसलिए हमेशा नीलम पहनने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
नीलम किसे पहनना चाहिए? (Who Should Wear Blue Sapphire)
- जीवन में तेज़ और बड़ी ग्रोथ चाहते हैं, तो इस रत्न को धारण करना लाभकारी हो सकता है।
- करियर या बिज़नेस में ऊंचा मुकाम पाना चाहते हैं
- बार-बार आने वाली रुकावटों से परेशान हैं, तो ज्योतिषी से पूछकर इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
- शक्ति, पद, अधिकार और स्थायित्व चाहते हैं, तो नीलम रत्न पहनें।
- व्यापारी वर्ग या उच्च पदों की तैयारी कर रहे हैं, तो ये रत्न धारण कर सकते हैं।
नीलम किसे नहीं पहनना चाहिए? (Who Should Not Wear Blue Sapphire)
- अगर आपकी कुंडली में शनि प्रतिकूल स्थिति में हो, तो इसे बिल्कुल भी धारण न करें।
- जो केवल फैशन या दूसरों को देखकर पहनना चाहते हों
- बिना सलाह और परीक्षण के नीलम पहनना चाहते हों
- कोई भी जेमस्टोन सिर्फ इच्छा के आधार पर नहीं पहनना चाहिए, इसे आपकी कुंडली के आधार पर पहन सकते हैं।
नीलम का सबसे अच्छा ओरिजिन कौन सा है?
नीलम कई देशों से आता है, लेकिन श्रीलंकन नीलम सबसे श्रेष्ठ और सुरक्षित माना जाता है। इसके अलावा कश्मीरी नीलम भी है, जो काफी महंगा होता है। इसके साथ ही थाईलैंड / बैंकॉक नीलम होते हैं, जो हीट या केमिकल ट्रीटेड होते हैं। बता दें कि ज्योतिषीय उद्देश्य के लिए श्रीलंकन नीलम सबसे अच्छा माना जाता है।
असली और नकली नीलम की पहचान (Real vs Fake Blue Sapphire)
नेचुरल करंडम (Corundum): नीलम इसी खनिज परिवार का सदस्य है। लैब रिपोर्ट में इसका उल्लेख होना अनिवार्य है।
No Heat/Treatment: बाजार में बिकने वाले कई नीलम ‘हीट ट्रीटेड’ होते हैं। असली और प्रभावशाली नीलम वही है जिसके लैब सर्टिफिकेट में “No indication of heating” लिखा हो।
नेचुरल इंक्लूज़न्स: पूरी तरह कांच की तरह साफ नीलम अक्सर नकली (सिंथेटिक) होते हैं। असली नीलम के अंदर बारीक रेशे या प्राकृतिक छाप (Natural Inclusions) जरूर होती है।
घर पर असली नीलम पहचान करने के 4 आसान तरीके (Real vs Fake Blue Sapphire At Home)
यदि आपके पास लैब जाने का समय नहीं है, तो इन घरेलू तरीकों को आजमाएं
दूध का परीक्षण (Milk Test): सबसे पहले एक कांच का गिलास लें और उसमें गाय का कच्चा दूध डाल लें। इसके बाद इसमें नीलम रत्न डालकर रख दें। अगर नीलम असली होगा, तो दूध का रंग हल्का नीला होने लगेगा।
पानी का गिलास टेस्ट (Water Test): एक कांच के गिलास में ऊपर तक पानी भर कर नीलम डाल दें। अगर पानी के ऊपर से नीली किरणें निकलती हुई दिखाई दें, तो जान लें कि नीलम रत्न असली है।
सूर्य का प्रकाश (Sunlight Test): अगर आप नीलम ले आएं हैं, तो इसे सूर्य की रोशनी के लिए धूप में रखें। यदि उससे निकलने वाली नीली आभा (Reflections) बिल्कुल स्पष्ट और एक समान है, तो वह असली है। नकली नीलम में अक्सर बुलबुले या असमान रंग दिखता है।
खरोंच का परीक्षण (Scratch Test): नीलम एक बहुत कठोर रत्न है। इसे लोहे की वस्तु से रगड़ने पर भी खरोंच नहीं आनी चाहिए। अगर आसानी से स्क्रैच पड़ जाए, तो समझ लें वह कांच है।
नीलम नहीं पहन सकते हैं, तो ये पहनें
नीलम के कुछ सामान्य सब्स्टिट्यूट हैं। ऐसे में अगर आप नीलम नहीं पहन सकते हैं, तो उसके उपरत्न भी पहन सकते हैं। ये थोड़ा धीमा और सीमित परिणाम दे सकते हैं। टेंज़नाइट (Tanzanite), आयोलाइट / नीली, लैपिस लाजुली
और एमेथिस्ट (जामुनिया) पहन सकते हैं।
नीलम किस उंगली और धातु में पहनें? (Metal for Blue Sapphire)
नीलम रत्न को चांदी (Silver) में पहनना चाहिए। इसके अलावा आप व्हाइट गोल्ड या प्लैटिनम में पहन सकते हैं। सोना में तभी पहनें जब आपका गुरु मजबूत हो।
नीलम पहनने की विधि (How to Wear Blue Sapphire)
अगर आप नीलम रत्न पहनने वाले हैं, तो किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार के दिन पहनें। इसे मध्यमा (Middle Finger) में पहन सकते हैं। इसके लिए पंचामृत से धोएं और शनि बीज मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद इसे धारण कर लें।
नीलम पहनने के बाद शुरुआती प्रभाव
अगर आपने नीलम धारण किया है और पहले 15–30 दिनों में ये लक्षण नजर आएं, तो समझ लें कि नीलम काम कर रहा है। ये लक्षण होने पर डरने की जरूरत नहीं है। इसके नकारात्मक प्रभाव 1 माह के अंदर समाप्त हो जाते हैं।
- हल्का बुखार या सिरदर्द
- बुरे सपने (अगर आपको शुरुआत के 3 दिन बहुत ही डरावने सपने आएं या फिर दुर्घटना हो, तो ज्योतिषी से पूछकर इस रत्न को उतार दें)
- अचानक खर्चे
- मानसिक बेचैनी
नीलम का पूरा असर कितने दिनों में दिखता है?
नीलम रत्न 1–2 दिन में शुरुआती प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है। इसके बाद 20–25 दिनों में नेगेटिव लक्षण खत्म हो जाते हैं। 40- 45 दिनों में पूर्ण सकारात्मक परिणाम हो सकता है।
नीलम कितने वजन का पहनना चाहिए?
नीलम रत्न पहनने से पहले इसके वजन के बारे में आपको अवश्य पता होना चाहिए। इसके लिए आपके शरीर का वजन अगर 60 किलो हैं, तो आपको 6 कैरेट का रत्न धारण करना चाहिए। 50 किलों को 6, 70 किलो = 7 कैरेट का पहनना चाहिए।
