Navratri Vastu Tips: गुरुवार 7 अक्टूबर से हिंदुओं की विशेष आस्था का पर्व नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दौरान 9 दिनों तक विधि विधान के साथ मां दुर्गा के नौ दिव्य रूपों की आराधना की जाएगी। इस पूजा में वास्तु का विशेष महत्व है। कलश स्थापना से लेकर भोग लगाने तक मां दुर्गा की पूजा में वास्तु का विशेष ध्यान रखा जाता है। मान्यता है कि वास्तु के अनुसार आराधना करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है सुख समृद्धि आती है।
मुख्य द्वार पर बनाएं स्वस्तिक- नवरात्रि के दिन घर में माता का आगमन होता है। इसे शुभ बनाने के लिए घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का तोरण सजाएं। तत्पश्चात, हल्दी और चावल के मिश्रण से बने लेप से द्वार पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के प्रवेश द्वार पर लक्ष्मी माता के पैरों के निशान बनाना बेहद शुभ होता है। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न रहतीं हैं।
लकड़ी से बने आसन पर करें माता के मूर्ति की स्थापना- माता के मूर्तियों को लकड़ी से बने आसन पर ही स्थापित करना शुभ माना जाता है। मूर्ति स्थापना वाले स्थान पर पहले स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं, तब जाकर मूर्ति की स्थापना करें।
आसन की दिशा का रखें ध्यान- माता का आसन किस दिशा में है, इसका संबंध आपके पूजा के परिणाम पर पड़ता है। वास्तु के अनुसार, घर के उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में माता का आसन स्थापित करना शुभ होता है। इसी दिशा में घट स्थापना भी करनी चाहिए।
9 दिनों तक जला कर रखें ज्योत- नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना में इस बात का खास ख्याल रखें कि 9 दिनों तक अखंड ज्योति जलती रहे। वास्तु के अनुसार, ज्योति को आग्नेयकोण में जलाकर रखनी चाहिए। ज्योति के लिए शुद्ध घी का इस्तेमाल करें अथवा सरसो का तेल भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस बात का रखें विशेष ध्यान- नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना के दौरान काले वस्त्रों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। मां दुर्गा को लाल रंग पंसद है इसलिए आप कमरे की सजावट में इस बात का ख्याल रखें और इसी रंग से मिलते जुलते वस्त्र धारण करें।