Durga Ashtami 2020 Date in India: नवरात्र में नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। इस साल अष्टमी 24 अक्तूबर, शनिवार को मनाई जाएगी। इस दौरान मां दुर्गा के भक्‍त माता का आशीष प्राप्‍त करने के लिए नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। भक्‍तों के स्‍नेह को देखकर माता रानी प्रसन्‍न होकर भक्‍तों को आशीष देती हैं। कहते हैं कि नवरात्र में देवी की उपासना करने से भक्‍तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

शारदीय नवरात्र की अष्‍टमी-नवमी तिथि को ही व्रत का परायण हो जाता है। इस बार अष्‍टमी मां महागौरी की पूजा 24 अक्‍टूबर, शनिवार को होगी। इसके बाद सबसे महत्‍वपूर्ण है कलश विसर्जन। पूजन से मां भगवती प्रसन्‍न होकर आशीष देतीं हैं और इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

लोक कथाएं
दुर्गा पूजा को लेकर कई लोक कथाएं हैं। एक लोक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्‍ण और धर्मराज युधिष्ठिर ने नवरात्र के महानवमी और दुर्गाष्‍टमी की पूजा पर आपस में चर्चा की थी। इसका वर्णन पुराणों में भी देखने को मिलता है। दूसरी ओर देवी दुर्गा और राक्षस महिषासुर के बीच हुए युद्ध का प्रतीक भी माना जाता है। कहते हैं कि राक्षस महिषासुर ने ब्रह़मा जी से प्रार्थना कर कई वरदान मांग लिए इसके बाद असुर सेनाओं के साथ मिलकर देवताओं के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। इसलिए यह त्‍योहार बुराई पर अच्‍छाई की जीत माना जाता है।

दुर्गाष्‍टमी की मान्‍यताएं
दुर्गाष्‍टमी और महानवमी की पूजा युगों-युगों से होती आ रही है। मां दुर्गा की पूजा देव, नर और असुर सभी करते हैं। दुर्गा पूजा का शुभारंभ नवरात्र से एक दिन पहले महालया से होती है। मान्‍यता है कि महालया के दिन शाम को मां दुर्गा कैलाश पर्वत से पृथ्‍वी लोक पर आती हैं। पूरे नौ दिनों तक यहां पर रहकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं।

पूजन विधि
यज्ञ करने के बाद व्रतियोंं को कन्या रूपी देवी को भोजन कराना चाहिए। इसके बाद उसे उपहार देना चाहिए। कंजक पूजन के बाद देवी भगवती का अपने परिवार के साथ ध्यान करें। मां भगवती से सुख-समृद्धि की कामना करें। इसके बाद ‘या देवी सर्वभूतेषु शांति रूपेण संस्थिता। नमस्‍तस्‍यै नमस्‍तस्‍यै नमस्‍तस्‍यै नमो नम:’ का ग्‍यारह बार जाप करें।

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22:23 (IST)24 Oct 2020
पौराणिक कथाओं में भी बताया गया है रावण दहन का महत्व

रामायण में यह बताया गया है कि रावण की बुराइयों का नाश होने के साथ ही इस दिन का महत्व इसलिए भी बहुत अधिक है क्योंकि उसके साथ व्यक्ति अपने मन की बुराइयों का भी नाश करता है। कहा जाता है कि रावण दहन करने से रोग, शोक, दोष, ग्रहों की विपरीत स्थिति और संकटों से मुक्ति मिलती है। इसलिए कहा जाता है कि दशहरा के दिन रावण दहन जरूर करना चाहिए।

21:26 (IST)24 Oct 2020
सभी जातियों के लिए महत्वपूर्ण है दशहरा

इस शुभ दिन के प्रमुख कृत्य हैं- अपराजिता पूजन, शमी पूजन, सीमोल्लंघन (अपने राज्य या ग्राम की सीमा को लाँघना), घर को पुन: लौट आना एवं घर की नारियों द्वारा अपने समक्ष दीप घुमवाना, नये वस्त्रों एवं आभूषणों को धारण करना, राजाओं के द्वारा घोड़ों, हाथियों एवं सैनिकों का नीराजन तथा परिक्रमणा करना। दशहरा या विजयादशमी सभी जातियों के लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण दिन है

20:43 (IST)24 Oct 2020
महाराष्ट्र में नौ दिनों तक होती है शक्ति की पूजा

महाराष्ट्र में नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा को समर्पित रहते हैं, जबकि दसवें दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की वंदना की जाती है। इस दिन विद्यालय जाने वाले बच्चे अपनी पढ़ाई में आशीर्वाद पाने के लिए मां सरस्वती के तांत्रिक चिह्नों की पूजा करते हैं।

19:59 (IST)24 Oct 2020
दशहरा उत्सव की उत्पत्ति

दशहरा उत्सव की उत्पत्ति के विषय में कई कल्पनायें की गयी हैं। भारत के कतिपय भागों में नये अन्नों की हवि देने, द्वार पर धान की हरी एवं अनपकी बालियों को टाँगने तथा गेहूँ आदि को कानों, मस्तक या पगड़ी पर रखने के कृत्य होते हैं। अत: कुछ लोगों का मत है कि यह कृषि का उत्सव है। कुछ लोगों के मत से यह रणयात्रा का द्योतक है, क्योंकि दशहरा के समय वर्षा समाप्त हो जाती है।

19:17 (IST)24 Oct 2020
दुर्गा पूजा की परंपरा

दुर्गाष्टमी और नवमी तिथि को विशेषतौर पर मां दुर्गा की पूजा की परंपरा बहुत पहले से चली आ रही है। इस दिन देवी के अस्त्रों की पूजा भी की जाती है। इसलिए इसे कुछ लोग वीर अष्टमी भी कहते हैं। कथाओं के अनुसार इसी तिथि को मां ने चंड-मुंड राक्षसों का संहार किया था। इसलिए इस तिथि का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

18:35 (IST)24 Oct 2020
नवरात्र की अष्टमी तिथि है विशेष

अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी के रुप में मनाया जाता है। लेकिन नवरात्रि के दिन विशेष रुप से मां दुर्गा को समर्पित होते हैं, इसलिए नवरात्रि में अष्टमी तिथि को महाष्टमी कहा जाता है और इसका अत्यधिक महत्व माना जाता है। इस बार 24 अक्तूबर 2020 को अष्टमी तिथि है। इस दिन मां महागौरी की पूजा कि जाती है।

17:52 (IST)24 Oct 2020
महागौरी मंत्र:

माहेश्वरी वृष आरूढ़ कौमारी शिखिवाहना।
ऑश्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।
ओम देवी महागौर्यै नमः।

16:41 (IST)24 Oct 2020
ओम देवी महागौर्यै नमः

माहेश्वरी वृष आरूढ़ कौमारी शिखिवाहना।
श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।
ओम देवी महागौर्यै नमः।

16:03 (IST)24 Oct 2020
25 अक्टूबर को होगा रावण का पूतला दहन

इस बार दशहरे का पर्व देशभर में रविवार यानि की 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हर साल ये पर्व आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। देश के कई सारे हिस्सों में इस दिन रावण के पुतले को जलाया जाता है, क्योंकि भगवान श्रीराम ने आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन लंकापति रावण का वध किया था।

15:27 (IST)24 Oct 2020
नवमी के दिन होती है 9 कन्याओं की पूजा

अष्टमी और नवमी एक साथ होने के कारण कन्या पूजन आज ही होगा। माना जाता है कि नवरात्रि स्थापना के बाद विदाई भी उसी तरह से की जानी चाहिए। इस दिन माँ का आशीर्वाद लेने के लिए 9 कन्याओं की पूजा की जाती है। इसे कन्या पूजन कहते हैं।

14:05 (IST)24 Oct 2020
नमो नम मां जगदम्बे...

नमो नम मां जगदम्बे

नमो नम मां अम्बे

नमो नम जग पालने वाली

नमो नम दैत्य तारने वाली

13:15 (IST)24 Oct 2020
माता का स्वरूप

देवी दुर्गा का स्वरूप अत्यंत तेजोमयी हैं। मां अपने हाथों में राक्षसों का वध करने के लिए शस्त्र रखती हैं साथ ही अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए देवी दुर्गा वर मुद्रा में रहती हैं। मां के चेहरे पर हमेशा मंद मुस्कान रहती हैं।

12:30 (IST)24 Oct 2020
जय हो मां शेरोवाली...

11:46 (IST)24 Oct 2020
पूजा के बाद जयकारे लगाएं...

प्रेम से बोलो जय माता की

सारे बोलो जय माता की

आवाज नहीं आई जय माता की

मैं नहीं सुनया जय माता की

आते बोलो जय माता की

जाते बोलो जय माता की

सिंह सवारी जय माता की

झोली भरती खाली जय माता की

दुखों को हरती जय माता की

सुखों से भरती जय माता की

वो जगदम्बे है जय माता की

वो मां अम्बे है जय माता की

11:00 (IST)24 Oct 2020
विषय विकारों से बचाना मां

नैना देवी नैनों की शक्ति को देना तुम बढ़ा।

वाराही मां विषय विकारों से भी लेना तुम बचा।

10:15 (IST)24 Oct 2020
नवरात्र का अंतिम दिन है नवमी

नवरात्र का पवित्र त्योहार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि तक चलता है। इसलिए महानवमी को नवरात्र का आखिरी दिन माना जाता है।

09:28 (IST)24 Oct 2020
जय जय अम्बे, जय जगदम्बे...

08:55 (IST)24 Oct 2020
तेरी कृपा से जीव होते हैं उज्जवल

जिसे तेरी कृपा का अनुभव हुआ है।

वही जीव दुनिया में उज्जवल हुआ है।

- श्री दुर्गा स्तुति

08:25 (IST)24 Oct 2020
दुर्गा माता के नौ नाम

साध्वी, ज्वाला, कौमारी, निशुम्भ विनाशनी, भद्रकाली, शिव प्यारी, अग्नि, मुक्ति और प्रौड़ा महेश्वरी।

07:55 (IST)24 Oct 2020
प्रार्थना

हे देवी मैं आपको धन्यवाद करता हूं कि आपकी कृपा से आज दुर्गाष्टमी के पावन दिन मुझे यह सौभाग्य मिला कि मैं आपकी आराधना कर सकूं। हे मां मेरी जिंदगी में बार-बार यह अवसर लाना।

07:17 (IST)24 Oct 2020
दुर्गाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं...

06:45 (IST)24 Oct 2020
जय जय मां महागौरी माता...

जय जय मां महागौरी माता

देवी तुम ही हो विख्याता

काल के मुंह से बचाने वाली

अंत में मुक्ति दिलाने वाली

06:14 (IST)24 Oct 2020
11 साल से छोटी कन्याओं में होते हैं मां के नौ स्वरूप

देवी दुर्गा के भक्तों ने माता को कहा कि हे देवी, हम सिर्फ नौ दिन आपकी उपासना कर तृप्त नहीं हो पाते हैं। हम चाहते हैं कि हम आपके पैर धोएं, आपको तिलक लगाएं और आपको भोग लगाएं। इस पर देवी दुर्गा ने कहा कि आप सब इस विधि से 11 साल से छोटी कन्याओं का पूजन करें। उन कन्याओं के रूप में मेरे नौ स्वरूप ही आपके घर आएंगें।

05:48 (IST)24 Oct 2020
दुर्गा मां को उबले हुए चने, हलवा, पूरी, खीर, पूआ व फल का भोग लगाएं

नवरात्रि में कन्या पूजा का विशेष महत्व है. सप्तमी, अष्टमी और महा नवमी के दिन कन्या पूजन करने का विशेष महत्व है. कन्या पूजन के लिए सबसे पहले कन्याओं का पैर धुलें. फिर उन्हें एक साफ आसन पर बैठायें. उनके हाथों में मौली बांधे और माथे पर रोली का टीका लगाएं. दुर्गा मां को उबले हुए चने, हलवा, पूरी, खीर, पूआ व फल का भोग लगाया जाता है. यही प्रसाद कन्याओं को भी भोजन स्वरूप खिलाया जाता है

03:00 (IST)24 Oct 2020
कन्या भोज के बाद दक्षिणा और मिष्ठान का वितरण भी करना चाहिए

अष्टमी और नवमी पर कन्याओं को घर बुलाकर उन्हें भोजन कराया जाता है। हालांकि, कन्या पूजन के साथ ही ध्यान रखें कि कन्याओं को भोजन कराते समय उनके साथ एक बालक को जरूर बैठाएं और भोजन कराएं। बालक को बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है। देवी मां के साथ भैरव की पूजा जाने की बेहद अहम मानी जाती है। कन्या भोज के बाद मिष्ठान का भी वितरण करना चाहिए।

00:51 (IST)24 Oct 2020
कन्या को भोजन कराने के बाद उनका आशीर्वाद लें

कन्याओं को भोजन कराने के बाद उन्हें दक्षिणा भी दी जाती है. इसी के साथ कन्याओं को लाल चुन्री और चूड़ियां भी चढ़ाएं. इस तरह विधि विधान कन्याओं का पूजन करने के बाद उनका आशीर्वाद प्राप्त करें. कई जगह कन्याओं को भोजन कराने वाले लोग आशीर्वाद स्वरूप उनकी थपकी लेते हैं

22:56 (IST)23 Oct 2020
सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी कोई तेरा पार न पाया।

सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी कोई तेरा पार न पाया।
ब्रह्मा जी पड़े तेरे द्वारे शंकर ध्यान लगाया।।
सुन मेरी देवी पर्वत वासिनी कोई तेरा पार न पाया।
ध्यानू भगत मैया तेरा नाम गाया, मनवांछित फल पाया।।

20:38 (IST)23 Oct 2020
अष्टमी के दिन मां दुर्गा के भक्त कन्या पूजन करते हैं...

19:52 (IST)23 Oct 2020
गलतियों के लिए मांगें क्षमा

दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा करने के बाद अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए। ऐसा करने से पूजा को संपन्न माना जाता है।

18:57 (IST)23 Oct 2020
माता को अर्पित करें श्रृंगार

ऐसी मान्यता है कि अष्टमी के दिन मां दुर्गा को श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए। कहते हैं कि देवी दुर्गा सुहागन हैं। इसलिए उन्हें अगर कोई व्यक्ति सुहाग का सामान अर्पित करता है तो वह बहुत प्रसन्न होती हैं और उसे आशीर्वाद देती हैं।

18:23 (IST)23 Oct 2020
कृपा करो जगजननी

कृपा करो जगजननी

सब अपराध क्षमा कर दो

17:47 (IST)23 Oct 2020
अष्टमी-नवमी एक ही दिन

ज्यादातर क्षेत्रों में अष्टमी-नवमी एक ही दिन मनाई जा रही है। क्योंकि 25 अक्तूबर, शनिवार को 7 बजकर 41 मिनट के बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी।

17:15 (IST)23 Oct 2020
महा काली स्तोत्र

जय शक्ति जय जय महाकाली..
जय शक्ति जय जय महाकाली..
आदि गणेश मनाऊ दाती, चरण सीस निवाऊ दाती
तेरे ही गुण गाऊ दाती, तू है कष्ट मिटावन वाली

- श्री दुर्गा स्तुति

16:52 (IST)23 Oct 2020
जय मां जगजननी

जय मां जगजननी,

सब सुखों की मूल

बालक की रक्षा करो

हाथ लिए त्रिशूल

16:32 (IST)23 Oct 2020
महागौरी माता ध्यान मंत्र

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

16:12 (IST)23 Oct 2020
माता महागौरी पूजन मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।


नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

15:49 (IST)23 Oct 2020
अष्टमी के दिन महागौरी माता की उपासना की है मान्यता

15:28 (IST)23 Oct 2020
कन्या पूजन है विशेष

अष्टमी के दिन कन्या पूजन करना विशेष माना जाता है। माता के नौ रूपों को नौ कन्याओं में देखने वाले भक्त मन के व्यक्ति के ऊपर माता भवानी बहुत जल्द कृपा करती हैं। मान्यता है कि अष्टमी के दिन कन्या पूजन करने से घर में नवनिधि आती है।

15:08 (IST)23 Oct 2020
शक्ति की उपासना का दिन हैं दुर्गाष्टमी

मां दुर्गा के भक्तों को दुर्गाष्टमी के दिन उनकी उपासना करनी चाहिए। कहते हैं कि यह दिन ही शक्ति की आराधना करने का है। मान्यता है कि जो लोग अष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा करते हैं उनके भय का नाश हो जाता है।

14:46 (IST)23 Oct 2020
क्यों है महाष्टमी पूजा इतना महत्वपूर्ण

मां महागौरी की पूजा अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति कराती है। देवी की पूजा करने से मनुष्य को समस्त सांसारिक और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है। जीवन के कष्ट करने और अंभव कार्य को संभव बनाने के लिए देवी की पूजा बहुत पुण्यदायी मानी गई है।