Navratri Durga Ji Ki Aarti: नवरात्रि के पावन पर्व की आज से शुरुआत हो गई है। अब नौ दिनों तक माता के अलग-अलग स्वरूपों की विधि विधान पूजा की जाएगी। मान्यता है कि दुर्गा माता की पूजा करने से जीवन के सभी दुखों का नाश हो जाता है। इन नौ दिनों कई भक्त उपवास भी रखते हैं। नवरात्रि के पहला दिन सबसे अहम होता है। इस दिन घटस्थापना करने के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा भी स्थापित की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां अंबे की पूजा करने के बाद इस आरती को जरूर उतारें। दुर्गा मां की आरती…

जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥

मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥

केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥

शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥

भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥

श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥

मां दुर्गा के शक्तिशाली मंत्र:

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

नवरात्रि व्रत रखने वालों को मां की पूजा के समय इस आरती को जरूरी गाना चाहिए। साथ ही नवरात्रि व्रत कथा भी पढ़नी चाहिए। इन दिनों उपवास रखने वालों को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। ये व्रत फलाहार करके रखे जाते हैं। माना जाता है कि इन नौ दिन उपवास रखने से शरीर की भी सफाई हो जाती है। मां दुर्गा की पूजा विधि, सामग्री, कथा, मुहूर्त और संबंधित सभी जानकारी यहां जानिए