Navratri 2024 1st Day, Maa Shailputri Vrat Katha, Aarti, Mantra in Hindi: वैदिक पंचांग के अनुसार आज यानी 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। वहीं आज नवरात्रि का प्रथम दिन है और आज के दिन कलश स्थापना के बाद पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री की पूजा- अर्चना होती है। वहीं अगर मां शैलपुत्री के वेशभूषा की बात करें तो मां मां शैलपुत्री सफेद वस्त्र धारण किए हुए हैं और उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल शोभायमान है। मां के माथे पर चंद्रमा सुशोभित है। साथ ही अगर मां की सवारी की बात करें तो उनकी सवारी नंदी की है। आपको बता दें कि माता शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को धन-धान्य, ऐश्वर्य, सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है। वहीं मां शैलपुत्री को  वृषोरूढ़ा और उमा नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं घट स्थापना का शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा- विधि…

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चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri 2024 Shubh Muhurat) 

वैदिक पंचांग के अनुसार शुभ चौघड़िया सुबह 09 बजकर 12 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस समय में कलश स्थापित कर सकते हैं। वहीं 09 अप्रैल को कलश स्थापना के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। क्योंकि यह अभिजीत मुहूर्त है। कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त सर्वोत्तम माना जाता है। इस मुहूर्त में कलश स्थापित करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है।

मां शैलपुत्री पूजा विधि (Shailputri Mata Puja Vidhi)

नवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और फिर साफ- सुथरे वस्त्र पहन लें। इसके बाद मां शैलपुत्री या फिर मां शैलपुत्री की तस्वीर नहीं है तो मां दुर्गा की तस्वीर चौकी पर स्थापित करें। वहीं सबसे पहले कलश शुभ मुहूर्त में स्थापित करें। इसके बाद दीपक प्रज्जवलित करें। वहीं शास्त्रों के अनुसार मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं बहुत पसंद हैं। इसलिए चंदन-रोली से टीका कर मां की प्रतिमा पर सफेद वस्‍त्र और सफेद फूल अर्पित करें। बाद में शैलपुत्री दुर्गा सप्शती का पाठ करें और माता की आरती करें।

मां शैलपुत्री पूजा मंत्र (Shailputri Mata Puja Mantra)

-ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
-वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

देवी शैलपुत्री का प्रार्थना मंत्र

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

मां शैलपुत्री की आरती (Shailputri Mata Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi)

शैलपुत्री मां बैल पर सवार।
करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी।।

पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।।

सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।।

घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराज किशोरी अंबे।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।।
मनोकामना पूर्ण कर दो।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो

मां शैलपुत्री को लगाएं इन चीजों का भोग

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने का विधान है। मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप को गाय के घी और दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। आप माता को गाय के दूध से बनी बर्फी का भोग लगा सकते हैं। ऐसा करने से आपको मां शैल पुत्री का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

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