Maha Navami 2022 Date Puja Vidhi and Shubh Muhurat: देवी भागवद पुराण में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है। शारदीय नवरात्र में लोग मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए तरह- तरह के उपाय करते हैं। साथ ही नवमी वाले दिन कन्या पूजन किया जाता है और कन्याओं को उपहार भी दिया जाता है। वहीं जिन घरों में अष्टमी का पूजन होता है, वहां अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन किया जाता है। इस साल महा नवमी 4 अक्टूबर यानी कि आज मनायी जा रही है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि और आरती…
जानिए नवरात्रि की तिथि
ज्योतिष पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि 3 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 36 मिनट से आरंभ हो रही है। वहीं अगले दिन 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर समाप्त हो रही है। वहीं उदयातिथि को आधार मानते हुए नवरात्रि की नवमी 4 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी।
शारदीय नवरात्रि 2022 नवमी मुहूर्त
हवन मुहूर्त: (4 अक्टूबर 2022) सुबह 06 बजकर 21 से दोपहर 02 बजकर 20 तक हवन के लिए शुभ मुहूर्त है।
शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण: (4 अक्टूबर 2022) व्रत पारण 02 बजकर 20 मिनट के बाद किया जाएगा।
जानिए पूजा- विधि
महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। साथ ही देवी सिद्धिदात्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित एक चौकी पर स्थापित करें। अगर सिद्धिदात्री देवी की प्रतिमा नहीं है, तो मां दुर्गा का चित्र या प्रतिमा स्थापित कर सकते हैं। साथ ही श्रीगणेश, वरुण, नवग्रह, की स्थापना भी करें। इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक और सप्तशती मंत्रों का जाप करें। इसके बाद कन्या पूजन करें और कन्याओं को उपहार दें। इस दिन हलुआ और चना का माता को भोग लगाएं।
मां सिद्धिदात्री का मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
स्तुति-
या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां सिद्धिदात्री की आरती
जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता,
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि!!
कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम
जब भी हाथ सेवक के सर धरती हो तुम,
तेरी पूजा में तो न कोई विधि है
तू जगदम्बे दाती तू सर्वसिद्धि है!!
रविवार को तेरा सुमरिन करे जो
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो,
तुम सब काज उसके कराती हो पूरे
कभी काम उसके रहे न अधूरे!!
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया
रखे जिसके सर पर मैया अपनी छाया,
सर्व सिद्धि दाती वो है भाग्यशाली
जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली!!
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा,
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता
वंदना है सवाली तू जिसकी दाता!!