Narmada Jayanti 2021: भारतीय संस्कृति में नदियों का महत्व बहुत अधिक है, उन्हें मां का दर्जा दिया जाता है। गंगा नदी के प्रति लोगों की आस्था से अधिकतर लोग परिचित हैं, लेकिन देश भर में खासकर मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी का भी विशेष महत्व है। आज 19 फरवरी को नर्मदा जयंती मनाई जा रही है। ये दिन मां नर्मदा को समर्पित होती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को ये दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस पावन दिन पर मां नर्मदा के पवित्र जल से स्नान करने से भक्तों को पुण्य प्राप्त होगा। आइए जानते हैं विस्तार से –

क्या है शुभ मुहूर्त: माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि प्रारंभ 18 फरवरी से हो रही है। ये तिथि अगले दिन यानी आज 19 फरवरी को सुबह 11 बजे तक रहेगी। जानकारों का मानना है कि नदी में या फिर जल से स्नान करने का सबसे उत्तम मुहूर्त यही है। कहते हैं कि इस दौरान स्नान करने से विशेष पुण्य प्राप्ति के योग बनते हैं। मां नर्मदा के जन्मस्थान अमरकंटक में इसे उत्सव के रूप में ही धूमधाम से मनाते हैं।

देवताओं के पाप धुलती हैं मां नर्मदा: धार्मिक कथाओं के अनुसार कहते हैं कि अंधकासुर नामक दैत्य का विनाश करने के दौरान देवताओं ने कई पाप किए। फिर सभी देवताओं समेत ब्रह्मा और विष्णु शिवजी के पास गए। उनके समक्ष अपने पापों से मुक्ति पाने के उपाय बताने का अनुराध करने लगे। अपनी तपस्या में लीन शिव जी ने जब अपने नेत्र खोले तो भौओं से एक प्रकाशमय बिंदु पृथ्वी पर अमरकंटक के मैखल पर्वत पर गिरा। इस जगह एक कन्या अवतरित हुईं जो बेहद रूपवान थीं। माना जाता है कि महादेव ने देवों के पाप धोने के लिए ही नर्मदा को उत्पन्न किया था।

किस तरह होती है मां नर्मदा की पूजा: नर्मदा जयंती के दिन नदी के सभी तटों को सजाया जाता है और नदी के किनारे साधु हवन करते हैं। इस दिन मां नर्मदा के पूजन के बाद भंडारा आदि किया जाता है और जरूरतमंदों को भोजन करवाया जाता है।

इस दिन शाम को नदी किनारे कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। संध्या में मां नर्मदा की महाआरती की जाती है। माना जाता है जो भक्त इस दिन मां नर्मदा का पूजन करते हैं उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है।

जानें इस दिन का महत्व: भगवान शंकर द्वारा मां नर्मदा अवतरित हुई थीं, धर्मशास्त्रों के मुताबिक इस दिन का महत्व इस कारण बहुत अधिक बढ़ जाता है। सामान्य दिनों में देश-विदेश से इस दिन श्रद्धालु आकर मां नर्मदा के दर्शन करते हैं और कहते हैं कि डुबकी लगाने से सभी पापों से मुक्ति पाते हैं।