गुजरात चुनाव में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं और अब सवाल ये उठता है कि इस बार भी मोदी की लहर गुजरात चुनाव में विपक्ष को साफ कर देगी, इसके लिए नरेंद्र मोदी के फिलहाल सितारे कह रहे हैं कि उन्हें जनवरी तक संभल कर चलने की जरुरत है। इस समय नरेंद्र मोदी कुंडली के पंचम भाग में गुरु के मौजूद होने के कारण वाणी विवाद हो सकते हैं। गुरु राहु के साथ है जिसके कारण इनकी राशि के लग्न में शत्रु राशि कुंभ मजबूत है। शनि और मंगल की युति लग्न में मौजूद है। इस कारण से जनवरी तक प्रधानमंत्री मोदी को संभलकर चलना होगा और अपनी वाणी पर विशेष ध्यान देना होगा।
नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न और वृश्चिक राशि की मानी जाती है। इस लग्न को बुद्धिमान लग्न माना जाता है। ज्योतिष विद्या अनुसार माना जाता है कि इस लग्न में चंद्रमा और मंगल दोनो ही विद्यमान हैं। अधिकतर चंद्रमा वृश्चिक राशि में कमजोर होता है इस कारण उसे नीच माना जाता है, लेकिन जब नौवें खाने का मालिक होकर लग्न में बैठता है तो इसके पास विशेष तरह की ताकत आ जाती है। साथ ही मंगल के होने से चंद्रमा की नकारात्मकता भी दूर होती है। ज्योतिष में इस योग को ज्योतिष योग भी कहा जाता है।
नरेंद्र मोदी की कुंडली में गुरु चौथे खाने में मौजूद है जिसके कारण व्यक्ति गृह त्यागी हो जाता है। इनकी कुंडली में शुक्र का भाव अधिक है और उसी के साथ शनि भी वहां मौजूद है। शनि का अर्थ होता है शासन करना। प्रधानमंत्री की कुंडली में बुध मजबूत होने के कारण उनकी अभिव्यक्ति की क्षमता भी मजबूत है। कुंडली में अग्नि तत्व भी बहुत मजबूत हैं जिसका अर्थ होता है कि जीवन में संघर्ष का सामना करना पड़ता है।


