Nag Panchami 2020: ज्योतिष अनुसार कालसर्प दोष से पीड़ित जातक को जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे मुक्ति के लिए कई ज्योतिषीय उपाय भी बताए जाते हैं लेकिन इसके निवारण के लिए नाग पंचमी का दिन खास माना जाता है। सावन नाग पंचमी इस बार 25 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन नाग देवता की पूजा करने की परंपरा है। जानिए क्या हैं काल सर्प दोष के लक्षण और इसके उपाय…

कालसर्प दोष के लक्षण:
1. व्यक्ति को मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता। बनते हुए कार्य अचानक से बिगड़ जाते हैं।
2. व्यवसाय में बार-बार नुकसान होता है।
3. बार बार अपमान सहना पड़ता है।
4. संतान नहीं होना या फिर संतान की उन्नति नहीं होना।
5. विवाह में देरी होना या वै‍वाहिक जीवन अस्त-व्यस्त रहना।
6. स्वास्थ्य खराब होना और बार-बार चोट-दुर्घटनाएं होना।
7. भयावह सपने बार-बार आना, नाग-नागिन बार-बार दिखना।
8. मृत व्यक्ति सपने में कुछ मांगे, बारात दिखना, जल में डूबना, मुंडन दिखना, अंगहीन दिखना।

काल सर्प दोष के उपाय:
– नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का अभिषेक करते समय उन्हें चांदी के नाग और नागिन का जोड़ा चढ़ाएं।
– इस दिन किसी सपेरे से नाग नागिन का जोड़ा खरीदकर उसे जंगल में मुक्त करवाएं।
– नव नाग स्तोत्र का 108 बार पाठ करें। अपने वजन के बराबर कोयले पानी में बहाएं।
– नाग पंचमी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दूध रखें और बहते हुए जल में 11 नारियल प्रवाहित करें।
– नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करने से भी कालसर्प दोष को कम किया जा सकता है।
– कालसर्प दोष से पीड़ित लोगों को नाग पंचमी के दिन नाग की विधि विधान पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा नाग गायत्री मंत्र- ‘ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्’ का जाप करें।
– नागपंचमी को शिव मंदिर की सफाई, मरम्मत तथा पुताई करवाएं।
– इस दिन शिवजी को विजया, अर्क पुष्प, धतूर पुष्प, फल चढ़ाएं तथा दूध से रुद्राभिषेक करवाएं।

नागपंचमी पूजा विधि: नाग पंचमी के दिन घर के मुख्यद्वार के दोनों ओर नाग का चित्र बनाएं या प्रतिमा स्थापित करें। फिर धूप, दीपक, कच्चा दूध, खीर आदि का प्रयोग करते हुए नाग देवता की पूजन करें। भोग में उन्हें गेहूं, भूने चने और जौ इत्यादि चीजें चढ़ाएं। प्रसाद सभी में वितरीत कर दें। इस दिन नाग को दूध पिलाने की भी परंपरा है।