देशभर में 2 सितंबर को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा। इससे पहले मुंबई में सबसे बड़ी और विश्व प्रसिद्ध गणेश मूर्तियों में से एक, ‘लालबागचा राजा’ (लाल बाग का राजा) का अनावरण किया गया है। ऐसा माना जाता है कि यह मूर्ति सभी की इच्छाओं को पूरा करती है और इस गणेश प्रतिमा की पूजा करने के लिए मशहूर हस्तियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। गौरतलब है कि इस बार लाल बाग के राजा को स्पेस में बैठा हुआ दिखाया गया है। उनकी प्रतिमा से चारों तरफ ग्रह और एस्ट्रोनॉट घूमते हुए दिखाये गए है। आयोजकों का कहना है कि इस बार पंडाल को ‘चंद्रयान-2’ के थीम पर बनाने का प्रयास किया गया है।
अनंत चतुर्दशी पर निकलेगा महाजुलूसः इस प्रतिमा की स्थापना 2 सितंबर को किया जाएगा। इसके बाद अगले 10 दिनों तक भक्तों द्वारा पूजा- अर्चना की जाएगी। 11वें दिन अनंत चतुर्दशी को लालबागचा राजा का महाजुलूस निकाला जाएगा और उन्हें मुंबई की गिरगांव चौपाटी पर विसर्जित किया जाएगा। हालांकि मान्यता यह भी है कि लालबाग के राजा के चरण का सिंदूर हर कामना को पूरा करता है। इसलिए भक्त लालबाग के राजा के चरण से सिंदूर लेने की चाहत से पहुंचते हैं।
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85 साल पुराना है लालबाग का पंडालः गौरतलब है कि, लालबाग पंडाल की स्थापना वहां के व्यापरियों ने की थी। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि लालबाग के व्यापारियों का कारोबार घाटे में चलता था। व्यापारी चाहते थे कि उनका लालबाग बाजार एक खुली जगह पर भी लगे। इसी इच्छा के साथ वहां के कुछ व्यापारियों ने इस पंडाल की स्थापना की थी। लालबाग के राजा की मूर्ति स्थापित हो जाने के बाद व्यापारियों की मनोकामना पूरी होने में वक्त नहीं लगा। इसके बाद से ही यहां लालबाग के राजा की स्थापना हर साल होने लगी। लगभग इस पंडाल की स्थापना हुए 85 साल हो गए हैं।