Diwali 2018 Puja Shubh Muhurat, Time: दिवाली को दीपों का पर्व कहा गया है। सनातन धर्म में दीपावली का बहुत ही महत्व है। दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार आज के ही दिन मां लक्ष्मी का प्राक्ट्य हुआ था। इसलिए इन दिन मां की पूजा करने से घर में खुशियों का वास होता है। दिवाली पर माता लक्ष्मी के साथ ही गणेश जी की भी पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस पूजा से बुद्धि-विवेक में बढ़ोत्तरी होती है। हालांकि दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का ख्याल रखना जरूरी बताया गया है। इस साल दिवाली 07 नवंबर, दिन बुधवार को है। चलिए जानते हैं कि दिवाली के दिन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ और अन्य शहरों में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।
शुभ मुहूर्त: ऐसी मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा बरसती है। इस साल दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:57 से लेकर 07:53 तक है। साथ ही 07 नवंबर को प्रदोष काल शाम 05:27 बजे से लेकर 08:06 बजे तक रहेगा। वहीं, वृषभ काल 05:57 बजे से लेकर 07:53 बजे से तक होगा।
दिल्ली: शाम 05:57 से 07:53 तक।
मुंबई: शाम 05:56 से 07:52 तक।
कोलकाता: शाम 05:53 से 07:50 तक।
लखनऊ: शाम 05:59 से 07:58 तक।
चंडीगढ़: शाम 05:50 से 07:49 तक।
भोपाल: शाम 05:57 से 07:53 तक।
पटना: शाम 05:55 से 07:52 तक।
चेन्नई: शाम 05:50 से 07:47 तक।
चंड़ीगढ़: शाम 05:52 से 07:49 तक।
रायपुर: शाम 05:55 से 07:40 तक।
देहरादून: शाम 05:56 से 07:50 तक।
अहमदाबाद: शाम 05:48 से 07:40 तक।
पूजा विधि: दिवाली के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कार्य से निवृत होकर व्रत का संकल्प करें। दिन भर भोजन ना करें। घर में शाम को पूजा स्थल का अच्छी तरह से साफ करें लें। इसके बाद वहां पर एक चौकी पर भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। पूजा स्थल पर एक जल से भरा कलश रखें, इस कलश में थोड़ा गंगाजल भी डालें। इसके बाद मूर्तियों के सामने बैठकर दूर्वा से गंगाजल के पानी से मूर्तियां का शुद्धिकरण करें। इस दौरान आप घर के सदस्यों पर भी जल छिड़क सकते हैं।
पूजा स्थल पर गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, घी, चंदन, पंचामृत, मेवे, खील , बतासे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्री शामिल करें। और इन सबका प्रयोग करते हुए पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी और गणेष की पूजा करें। इसके साथ-साथ आप देवी सरस्वती, विष्णु देव, कुबेर देव की आराधना करें। पूजा करते समय 11 दीएं और एक बड़ा दीपक जलाएं। पूजा के बाद इन दीपक को घर के अलग-अलग कोने में रखें दें। पूजा के बाद घर के सभी हिस्सों में कलश के जल से छिड़काव करें। इसके बाद आप जल का अर्घ्य दें और अपना व्रत तोड़ें।
Highlights
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हर साल हमें दिवाली का बेसब्री से इंतजार होता है। यह त्योहार आपके लिए हर्षोल्लास तो लाता ही है साथ ही आपको अपने परिजनों से मिलने और उनके साथ समय बिताने का मौका मिलता है।
दिवाली पर गणेश जी की पूजा करने का भी विधान है। ऐसी मान्यता है कि गणेश जी की आराधना करने से जीवन के सारे कष्टों का नाश होता है। लोग इस दिन अपने घरों में गणेश जी की आरती भी करते हैं।
ऐसा कहते हैं कि राम जी के आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने घी के दीए जलाकर उनका स्वागत किया था। और उसी समय से दिवाली पर घरों में दीया जलाने की परंपरा शुरू हुई। कहते हैं कि दिवाली पर दीया जलाने से घर के अंधकार(बुराई) का नाश हो जाता है।
जगमग थाली सजाओ, मंगल दीपों को जलाओ, अपने घरों और दिलों में आशा की किरण जगाओ, खुशियां और समृद्धि से भरा हो आपका जीवन, इसी कामना के साथ दिवाली मनाओ। हैप्पी दिवाली!
हिंदू धर्म में दिवाली का पर्व सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन लोग देवी लक्ष्मी, गणेश और मां सरस्वती की पूजा करते हैं। कहा जाता है इस दिन धरती पर मां लक्ष्मी विचरण करती हैं और भक्तों को धन-वैभव का सुख प्रदान करती हैं।
दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि मुहूर्त का ध्यान नहीं रखने पर पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। इसलिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी माना गया है।
माता लक्ष्मी का दिवाली पर्व से खास रिश्ता है। दिवाली पर समस्त हिंदू समुदाय उनकी पूजा-अर्चना करता है। मान्यता है कि दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से वे बहुत ही जल्द प्रसन्न होती हैं और अपने भक्त की आर्थिक दिक्कतों को दूर करती हैं।
माना जाता है इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे, जिस कारण लोगों ने घी के दीपक जलाकर भगवान राम का स्वागत किया था। इस दिन घरों में धन की देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
दिवाली पर माता लक्ष्मी के साथ ही गणेश जी की भी पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस पूजा से बुद्धि-विवेक में बढ़ोत्तरी होती है। हालांकि दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का ख्याल रखना जरूरी बताया गया है।
पूजा स्थल पर गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, घी, चंदन, पंचामृत, मेवे, खील , बतासे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्री शामिल करें। और इन सबका प्रयोग करते हुए पूरे विधि-विधान से मां लक्ष्मी और गणेष की पूजा करें। इसके साथ-साथ आप देवी सरस्वती, विष्णु देव, कुबेर देव की आराधना करें। पूजा करते समय 11 दीएं और एक बड़ा दीपक जलाएं। पूजा के बाद इन दीपक को घर के अलग-अलग कोने में रखें दें। पूजा के बाद घर के सभी हिस्सों में कलश के जल से छिड़काव करें। इसके बाद आप जल का अर्घ्य दें और अपना व्रत तोड़ें।
दिवाली के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कार्य से निवृत होकर व्रत का संकल्प करें। दिन भर भोजन ना करें। घर में शाम को पूजा स्थल का अच्छी तरह से साफ करें लें। इसके बाद वहां पर एक चौकी पर भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। पूजा स्थल पर एक जल से भरा कलश रखें, इस कलश में थोड़ा गंगाजल भी डालें। इसके बाद मूर्तियों के सामने बैठकर दूर्वा से गंगाजल के पानी से मूर्तियां का शुद्धिकरण करें। इस दौरान आप घर के सदस्यों पर भी जल छिड़क सकते हैं।
मंत्र: दिवाली पर लक्ष्मी पूजा के दौरान आप इस आराधना मंत्र का जाप कर सकते हैं। कहते हैं कि दिवाली पर इस मंत्र का जाप करने से माता बहुत ही जल्द प्रसन्न हो जाती है। और अपने भक्त की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं। ॐ हिरण्यवर्णान हरिणीं सुवर्ण रजत स्त्रजाम चंद्रा हिरण्यमयी लक्ष्मी जातवेदो म आ वहः।।
आज पूरे देश में धूमधाम से दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। लोग इस पर्व के आने का पूरे साल इंतजार करते हैं। दिवाली के शुभ अवसर पर लोग सारे गिले-शिकवे भूल जाते हैं और साथ मिलकर इस त्योहार का आनंद उठाते हैं।