Panchak May 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हिंदू धर्म में किसी भी काम को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त का जरूर ध्यान रखा जाता है। ऐसे ही हर मास में 5 दिनों का पंचक लगता है। इस दौरान मांगलिक और शुभ काम करने की मनाही होती है। हालांकि, कुछ ऐसे काम है जिस पर मनाही नहीं होती है। बता दें कि पंचक पांच नक्षत्रों के मेल से बनता है, जो धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र है। इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि चंद्रमा एक राशि में ढाई दिन रहता है। ऐसे में चंद्रमा पांच दिन में दो राशियों में भ्रमण कर लेता है। इन पांच दिनों के दौरान चंद्रमा इन पांच नक्षत्रों से भी होकर गुजरता है और इस कारण ये पांचों दिन पंचक कहे जाते हैं। ऐसा हर 27 दिन के बाद होता है।

पंचक के प्रकार

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वार के हिसाब से पंचक के नाम का निर्धारण किया जाता है। हर एक पंचक का अलग-अलग अर्थ और प्रभाव होता है। जैसे रविवार के पंचक को रोग पंचक, सोमवार के पंचक को राज पंचक, मंगलवार को अग्नि पंचक, शुक्रवार को चोर पंचक और शनिवार को शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है।

मई 2023 में कब से शुरू हो रहे हैं पंचक?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 13 मई 2023 को दोपहर 12 बजकर 18 से शुरू होंगे और इसका समापन 17 मई 2023 को सुबह 07 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। शनिवार के दिन से शुरू होने के कारण इसे मृत्यु पंचक कहा जाएगा।

मृत्यु पंचक क्यों माना जाता है खतरनाक?

शनिवार को प्रारंभ होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। इस पंचक को अन्य पंचकों से सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। माना जाता है कि इस पंचक के दौरान व्यक्ति को मृत्यु के समान कष्टों का सामना करना पड़ता है। साधारण शब्दों में कहें, तो इस पंचक में व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में व्यक्ति को चोट लगने, दुर्घटना होने का खतरा सबसे अधिक होता है।

मृत्यु पंचक के दौरान न करें ये काम

  • मृत्यु पंचक के दौरान घर की छत डालने की मनाही होती है, क्योंकि ऐसा करने से उस घर में रहने वाले लोग कभी भी सुखी नहीं रह सकते हैं।
  • पंचक के दौरान चारपाई बनवाने की मनाही होती है। इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
  • पंचक काल के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर किसी कारणवश आपको जाना पड़ रहा है, तो पहले भगवान हनुमान को किसी फल का भोग लगाकर विधिवत पूजा करें। इसके बाद जाएं।
  • पंचक काल के दौरान अगर किसी की मृत्यु हो जाती है, तो इसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शव के साथ 5 कुश या आटा के पुतले बनाकर अर्थी पर रखे जाते हैं। यह पुतले आटे के या कुश के बने होते हैं। इन पांचों पुतलों का अर्थी में शव के साथ ही पूरे विधि के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से पंचक दोष नहीं लगता है।