Mrityu Panchak 2023: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ या फिर मांगलिक काम को करने से पहले शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है। मान्यता है कि शुभ समय पर काम करने से अच्छा फल मिलता है। ऐसे ही हर मास में पांच दिन ऐसे होते है जिसमें कई तरह के शुभ और मांगलिक काम करने की मनाही होती है। दरअसल, हर माह का पंचक अलग-अलग होते हैं जिसमें किसी में शुभ काम किए जाते हैं और कई में नहीं किया जाता है। पंचांग के अनुसार, अप्रैल माह की 15 तारीख से पंचांग शुरू हो रहे हैं। शनिवार के दिन शुरू होने के कारण इसे मृत्यु पंचक कहा जाएगा। शास्त्रों के अनुसार, मृत्यु पंचक को अशुभ माना जाता है। बता दें कि 14 मार्च को ही सूर्य मेष राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में खरमास भी समाप्त हो रहे हैं।
जब चन्द्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण करता है, तो पंचक कहलाता है। साधारण शब्दों में कहे, तो जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं, तो नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहा जाता है।
अप्रैल 2023 में कब है पंचक?
पंचांग के अनुसार, 15 अप्रैल को शाम 06 बजकर 44 मिनट से पंचक शुरू हो रहे है, जो 19 अप्रैल को रात 11 बजकर 53 मिनट पर समाप्त हो रहे हैं।
शनिवार का पंचक क्यों है अशुभ?
शास्त्रों के अनुसार, जिस दिन से पंचक शुरू होते हैं, तो उस दिन को पंचक के साथ जोड़ दिया जाता है। ऐसे ही शनिवार के दिन शुरू होने के कारण इसे शनि पंचक या फिर मृत्यु पंचक कहा जा रहा है। मृत्यु पंचक को अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह पंचक मृत्यु के समान ही होते हैं। ऐसे में पंचक के दौरान किसी भी तरह के जोखिम भरे काम करने से बचना चाहिए।
मृत्यु पंचक के दौरान करें ये काम
- पंचक के दौरान लकड़ी लकड़ी इकट्ठा करना या फिर खरीदने से बचना चाहिए। इसके साथ ही पंचक के दौरान घर में पलंग, चारपाई आदि बनवाना चाहिए।
- मृत्यु पंचक के दौरान किसी भी नए काम की शुरुआत बिल्कुल नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इस अवधि में नए काम की शुरुआत करने से अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।
- शनिवार के शुरू होने वाले पंचक के दौरान दुर्घटना होने की संभावना अधिक होती है। इसलिए जोखिम भरे कार्य करने से बचना चाहिए, क्योंकि चोट लगने, दुर्घटना होने से मृत्यु तक हो सकती है।