सामुद्रिक शास्त्र के मुताबिक शरीर पर हर तिल का एक अलग महत्व और मतलब होता है। कहते हैं शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर होने वाले तिल बताते हैं कि किसी व्यक्ति का भाग्य या उसका जीवन कैसा होने वाला है। शरीर के आकार या उस पर बने निशानों को देख भविष्य के बारे में गणना सामुद्रिक शास्त्र में की जाती है। यह शास्त्र बताता है कि शरीर के किस अंग पर तिल होने का क्या अर्थ होता है। मान्यता है कि शरीर पर 12 से अधिक तिल होना शुभ नहीं होता है। जानिये क्या कहता है सामुद्रिक शास्त्र…
– सामुद्रिक शास्त्र में कहा जाता है कि जिन लोगों के मुंह पर तिल होता है, वो लोग भाग्य के बहुत धनी होते हैं। ऐसे लोगों के पास बहुत पैसा आता है। ऐसे लोग जीवनभर कभी पैसे की तंगी से नहीं जूझते हैं।
– जिस व्यक्ति के सीने पर तिल होता है, वह व्यक्ति अपने बल पर जीवन में खूब धन कमाता है। ऐसे व्यक्ति की जेब हर समय नोटों से भरी रहती है। देवी लक्ष्मी की कृपा ऐसे लोगों पर हमेशा बनी रहती है।
– मान्यता है कि जिन लोगों के पेट पर तिल होता है, उनके पास जीवन भर खूब धन आता है। लेकिन साथ ही यह भी कहा जाता है कि पेट पर तिल वाले लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित बहुत अधिक परेशानियां रहती हैं। जिससे उनका कमाया ज्यादातार पैसा स्वास्थ्य संबंधित खर्चों पर लग जाता है।
– दाहिने और बाएं दोनों भुजाओं पर जिन लोगों के तिल होता है, ऐसे लोगों की आर्थिक स्थिति हमेशा बहुत मजबूत रहती है। ऐसे लोगों को कभी धन की कमी महसूस नहीं होती है। उनके कोई भी कार्य धन की वजह से नहीं अटकते हैं। सामुद्रिक शास्त्र में कहा जाता है कि हाथों पर तिल वाले लोग अपनी मेहनत से धन कमाते हैं।
– दाहिनी हथेली के पिछले हिस्से पर तिल होने से व्यक्ति अपार धन-संपत्ति का स्वामी बनता है। ऐसे लोगों की तिजोरी हमेशा धन से भरी रहती है। ऐसे लोगों की उम्र बढ़ने के साथ-साथ पैसा भी लगातार बढ़ता चला जाता है। कहते हैं कि ऐसे लोगों पर हमेशा देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
– सामुद्रिक शास्त्र में माना जाता है कि जिस व्यक्ति के हाथ की सबसे छोटी उंगली यानी कनिष्ठा उंगली पर तिल होता है, ऐसा व्यक्ति बहुत धनवान होता है। समय के साथ-साथ एक दौर ऐसा आता है जब उसकी गिनती करोड़पति लोगों में होने लगती है। ऐसे लोगों के जीवन में दुख तो आता है। लेकिन वह अपने धन की सहायता से उससे निपट लेते हैं।