Moonga Gemstone Benefits: रत्न शास्त्र अनुसार कुंडली में ग्रहों की स्थिति और चाल को देखते हुए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। रत्न धारण करके ग्रह के बल को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही कुंडली का अच्छे से विश्लेषण करके रत्न धारण किया जाए, तो व्यक्ति के तरक्की के मार्ग खुलते हैं। यहां हम बात करने जा रहे हैं मूंगा रत्न के बारे में, जिसका संबंध मंगल ग्रह से है। कहते हैं यदि किसी की कुंडली में मंगल की स्थिति अच्छी है तो उसके साथ सब मंगल ही मंगल होगा। अगर मंगल की स्थिति कमजोर है तो व्यक्ति को काफी संघर्ष करना पड़ता है। आइए जानते हैं मूंगा धारण करने के लाभ और पहनने की सही विधि…

ऐसा होता है मूंगा

मूंगा रत्न समुद्र की गहराई में पाया जाता है। यह  लाल, सिंदूरी, गेरुआ और सफेद रंग का होता है। मूंगा को अंग्रेजी में कोरल कहते हैं। मूंगा एक प्रकार की लकड़ी होती है। मूंगा रत्न बाकी रत्नों की तुलना में काफी चिकना होता है। इसलिए ये हाथों में लेने पर फिसलता रहता है। इसके अलावा असली मूंगा पर पानी की बूंदे ठहर जाती हैं जबकि नकली मूंगा पर बूंदे ठहरती नहीं है। ये इसकी सबसे सरल पहचान है।

मूंगा धारण करने के लाभ

ज्योतिष शास्त्र अनुसार मूंगा रत्न का संबंध मंगल ग्रह से है, जो शक्ति, बल, साहस व ऊर्जा के स्वामी हैं। यह रत्न राजनीति, नेतृत्व, प्रशासन, सेना, पुलिस, मेडिकल क्षेत्र, तेल, गैस, प्रॉपर्टी, ईंटभट्टे का कार्य करने वाले धारण कर सकते हैं। मेडिकल क्षेत्र से जुड़े छात्रों को मूंगा पहनने से काफी लाभ होता है।

ये लोग कर सकते हैं मूंगा धारण

  • जिस व्यक्ति की राशि मेष, वृश्चिक हो या लग्न में सिंह, धनु, मीन राशि हो वह लोग मूंगा पहन सकते हैं।
  • यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष हो तो ऐसे व्यक्ति को मूंगा धारण करना से लाभ मिलता है। मूंगा मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करता है। बस इसमें शर्त यह है कि मंगल ग्रह कुंडली में नीच का नहीं होना चाहिए।
  • साथ ही जिन लोगों की कुंडली में मंगल उच्च के यानि सकारात्मक स्थित हों वो लोग भी मूंगा धारण कर सकते हैं। 
  • मूंगा के साथ नीलम रत्न नहीं पहनना चाहिए। अन्यथा नुकसान हो सकता है।

इस विधि से करें धारण

रत्न शास्त्र अनुसार मूंगा को कम से कम सात से सवा 7 रत्नी का धारण करना चाहिए। यह रत्न चांदी या तांबे धारण करना चाहिए। मूंगा की अंगूठी धारण करने से पहले कच्चे दूध और गंगाजल से अच्छी तरह धो लें। इसके बाद मंगलवार के दिन सुबह से लेकर दोपहर तक किसी भी वक्त दाएं हाथ की अनामिका उंगली में धारण करें। धारण करने से बाद मंदिर के किसी पुजारी को मंगल ग्रह से संबंधित दान चरण स्पर्श करके दे आएं।