Meen Sankranti: वैदिक पंचांग के अनुसार 12 संक्रांति होती है और हर महीने एक संक्राति पड़ती है। आपको बात दें कि सूर्य देव देव के राशि परिवर्तन के साथ ही एक नई संक्रांति शुरू होती है। वहीं जब सूर्य देव जिस दिन मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब ही मीन संक्रांति मनाई जाती है। शास्त्रों में मीन संक्रान्ति का विशेष महत्व बताया गया है और इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इन दिन सूर्य देव की पूजा- अर्चना की जाती है। मीन संक्रान्ति हिंदू कैलेंडर के हिसाब से फाल्गुन माह में पड़ती है। वहीं इस बार मीन संक्रान्ति 15 मार्च को पड़ रही है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व…
ओडिशा में धूमधाम से मनाई जाती है:
आपको बता दें कि ओडिशा में मीन संक्रांति बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। साथ ही इस दिन भगवान सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। कहा जाता है ऐसा करने से नकारात्मकाता दूर होती है और भगवान सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं इस दिन आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करने से गुप्त शत्रुओं का नाश होता है।
मध्य रात्रि में होगा सूर्य का राशि परिवर्तन:
सूर्य देव का गोचर 14 व 15 मार्च की मध्य रात्रि में होगा। आपको बता दें कि सूर्यदेव 14 मार्च को रात 12:16 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही मीन संक्रान्ति की शुरुआत हो जाएगी।
शुभ मुहूर्त और महापुण्यकाल समय:
मीन संक्रांति का महापुण्यकाल सुबह 06 बजकर 31 मिनट से सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। आपको बता दें कि पुण्यकाल सुबह 08 बजकर 31 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।
मीन संक्रांति का महत्व:
वैदिक ग्रंथों में मीन संक्रांति का विशेष महत्व बताया गया है। साथ ही इस दिन भगवान सूर्य की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। मान्यता है ऐसा करने से सूर्य देव आरोग्यता का वरदान देते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। कहा जाता है कि मीन संक्रांति से सूरज की गति उत्तरायण की तरफ बढ़ रही होती है। उत्तरायण होते ही सूर्य के कारण दिन का समय बढ़ने लगता है और रात्रि छोटी होने लगती हैं। (यह भी पढ़ें)- Rashi Parivartan 2022 : मार्च में 3 ग्रह करने जा रहे गोचर, इन 4 राशि वालों को धनलाभ के साथ तरक्की के भी प्रबल योग
कुंडली में सूर्य हों अगर नकारात्मक:
अगर आपकी कुंडली में सूर्य देव नकारात्मक स्थित हैं, तो इस दिन कुछ उपाय करके आप उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नदी में स्नान करें या घर में गंगाजल पानी में डालकर स्नान करें। स्नान करने के बाद सूर्यदेव को प्रणाम करके तांबे के पात्र से उन्हें अर्घ्य दें। साथ ही आदित्यह्रदय स्त्रोत का पाठ करें। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य ग्रह के नकारात्मक प्रभाव में कमी आती है। (यह भी पढ़ें)- 12 महीने बाद देवगुरु बृहस्पति करने जा रहे गोचर, इन 3 राशि वालों के शुरू होंगे अच्छे दिन, हर काम में सफलता के योग
