Mauni Amavasya Date: हिंदू धर्म में जिस तरह चतुर्थी, पंचमी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि को बेहद खास माना जाता है, ठीक उसी तरह पूर्णिमा और अमावस्या तिथि की भी बेहद खास अहमियत है। हर महीने की अमावस्या तिथि को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। माघ के महीने में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी या माघी अमावस्या कहते हैं। इस बार ये पवित्र तिथि 11 फरवरी को पड़ने वाली है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान के बाद पितरों को जल देने से उनकी आत्मा को तृप्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं, इस दिन दान का भी खास महत्व होता है।
बन रहे हैं खास संयोग: ज्योतिषाचार्य मान रहे हैं कि इस बार मौनी अमावस्या पर ग्रहों का खास संयोग बन रहा है। इस दिन महोदय योग बन रहा है, मान्यता है कि इस योग में पवित्र नदी या जल से स्नान करने से विशेष कृपा की प्राप्ति होती है। माना जा रहा है कि श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा होगा और मकर राशि में ग्रहों की युति से महासंयोग भी बन रहा है।
क्या है महत्व: विद्वानों के अनुसार मौनी अमावस्या का व्रत लोगों को संयमित बनाता है। इसके अलावा, धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन के साथ ही द्वापर युग की शुरुआत हुई थी। इतना ही नहीं, माना जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत बन जाता है। इसलिए इस दिन गंगा स्नान करने से पुण्य प्राप्ति की मान्यता है। इसके अलावा, इस दिन मौन धारण करने से ऊर्जा प्राप्ति की भी मान्यता है।
जानें शुभ मुहूर्त: माघी अमावस्या की तिथि 10 फरवरी 2021 को 01 बजकर 10 मिनट से शुरू होकर 11 फरवरी 2021 की रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि इस व्रत के दौरान दान करने से पहले अगर भक्त सवा घंटे का मौन धारण कर लें तो इससे 16 गुना अधिक फल मिलते हैं। बता दें कि शास्त्रों में इस बात का जिक्र मिलता है कि मुंह जुबानी ईश्वर की प्रार्थना से अधिक फल मौन रहकर ध्यान व प्रभु के स्मरण करने से मिलता है।
इन बातों का रखें ध्यान: इस दिन स्नान के साथ दान का भी काफी महत्व होता है, माना जाता है कि जरूरतमंदों को तिल, गर्म कपड़े, तेल, सूखी लकड़ी और जूते दान कर सकते हैं। दूध, चावल, खीर, बताशा जैसी चीजों का दान भी लाभकारी होता है।