Mauni Amavasya 2025 Date: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या और माघ अमावस्या भी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था। आपको बता दें कि इस दिन व्रत और दान करने का महत्व है। इस दिन दान करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं यह तिथि पितरों को समर्पित भी मानी गई है। इस दिन लोगों को तर्पण और श्राद्ध करना चाहिए, जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है। साथ ही इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु का पूजन करना बेहद शुभ होता है। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का भी विधान है। इस साल प्रयागराज में महाकुंभ लग रहा है। ऐसे में मौनी अमावस्या का दिन स्नान के लिए बहुत ही शुभ होता है। मान्यता है इस दिन कुंभ में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या शुभ मुहुर्त और तिथि…
मौनी अमावस्या तिथि 2024
वैदिक पंचांग के मुताबिक अमावस्या तिथि 28 जनवरी 2025 शाम को 07 बजकर 35 मिनट पर शुरू हो रही है, जो 29 जनवरी 2025 को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर इसका अंत होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 बुधवार को मनाई जाएगी।
मौनी अमावस्या पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 05:25 ए एम से 06:18 ए एम
प्रातः सन्ध्या- 05:51 ए एम से 07:11 ए एम
विजय मुहूर्त- 02:22 पी एम से 03:05 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 05:55 पी एम से 06:22 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 05:58 पी एम से 07:17 पी एम
अमृत काल- 09:19 पी एम से 10:51 पी एम
बन रहा है सिद्धि योग
पंचांग के मुताबिक इस बार मौनी अमावस्या के दिन सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। मौनी अमावस्या के प्रात:काल से लेकर रात 9 बजकर 22 मिनट तक सिद्धि योग बना रहेगा। वहीं उसके बाद से व्यतीपात योग बनेगा। आपको बता दें कि सिद्धि योग के स्वामी गणेश जी हैं, जो शुभता प्रदान करते हैं। इस योग में किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं।
मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व
ज्योतिष अनुसार सभी अमावस्या तिथियों में मौनी अमावस्या को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। साथ ही मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है। वहीं इस दिन स्नान दान करने और मौन व्रत रहने की परंपरा है। मौनी अमावस्या के दिन पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पितरों का तर्पण और पिंडदान करने का विधान है। वहीं ऐसा करने से मन को शांति मिलती है। इस दिन पर ओम नमो भगवते वासुदेवाय, ओम खखोल्काय नम:, ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए।
