Mauni Amavasya Puja Vidhi (मौनी अमावस्या): मौनी अमावस्या की तिथि कुंडली के पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए उत्तम माना गया है। इस दिन इसीलिए तर्पण, स्नान और दान आदि को विशेष महत्व दिया गया है। इस दिन के लिए ये भी मान्यता है कि चुप रहकर पूरे दिन उपवास और भगवान का ध्यान किया जाता है। तभी इस दिन को नाम मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस बार मौनी अमावस्या पर ग्रहों का भी खास संयोग पड़ रहा है। अमावस्या पर मकर राशि में सूर्य, चंद्रमा और बुध ग्रह एक साथ हैं। इसके अलावा आज शनि भी अपना स्थान बदल रहा है और मकर राशि में प्रवेश कर रहा है।
शास्त्रों अनुसार दान करना सबसे पुण्य का काम माना जाता है। मान्यता है कि इन कार्यों को करने के लिए मौनी अमावस्या का दिन सबसे शुभ होता है। इस बार मौनी अमावस्या 24 जनवरी को पड़ी है। इसी दिन शनि भी अपनी राशि बदलने जा रहे हैं। कई जगह इस अमावस्या के दिन मौन व्रत रखा जाता है। स्नान दान के लिए ये दिन बेहद ही खास माना गया है। जानिए मौनी अमावस्या से जुड़ी खास बातें…
शनि मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के दिन 24 जनवरी को अपनी राशि बदलने जा रहे हैं। इनका राशि परिवर्तन हर ढाई साल में होता है। 24 जनवरी के बाद साल 2022 में शनि अपनी राशि बदलेंगे। जानिए शनि के मकर राशि (Makar Rashi) में गोचर करने का सभी राशियों पर क्या पड़ने वाला है प्रभाव…
– मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने के पश्चात तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, दर्पण, स्वूर्ण और दूध देने वाली गाय का दान करना सबसे ज्यादा पुण्य का काम माना गया है।
– इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन मुनियों की तरह आचरण करना चाहिए। कई लोग मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत धारण कर स्नान दान करते हैं।
– मौनी अमावस्या के दिन शनि की शांति के उपाय भी किये जाते हैं। इस दिन शनि देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
– मौनी अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए कुत्ते, गाय, कौए को रोटी खिलानी चाहिए।
– इस दिन शांत रहने की कोशिश करनी चाहिए और जितना हो वाद विवाद से दूर रहें।
– शास्त्रों के अनुसार इस दिन मौन रखना, गंगा स्नान करना और दान देने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय, ओम खखोल्काय नम:, ओम नम: शिवाय मंत्र पढ़ते हुए अर्घ्य आदि देना चाहिए।
– मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान करने का महत्व होता है, कहा जाता है कि इस अमावस्या पर गंगा का जल अमृत के समान बन जाता है। लेकिन आप चाहें तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान से पहले मौन रहने की कोशिश करें।
– मौनी अमावस्या के दिन मांस-मछली या मदिरा पान का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए।
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त: अमावस्या तिथि का प्रारंभ 24 जनवरी 2020 को देर रात 2 बजकर 18 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 25 जनवरी 2020 को देर रात 3 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। 24 जनवरी को रात के आखिरी पहर से लेकर आप सूर्यास्त होने से पहले स्नान कर सकते हैं।