Sawan Vrat Tyohar: श्रावण महीने के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मौना पंचमी के रूप में मनाया जाता है। जो इस बार 10 जुलाई को है। इस दिन झारखंड के देवघर के शिव मंदिर में शर्वनी मेला मनाया जाता है। सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं। इस दिन नागों की विशेष पूजा होती है। इस दिन नाग देवता को सूखे फल, खीर आदि चढ़ा उनकी पूजा की जाती है। इस तिथि के देवता शेषनाग हैं इसलिए इस दिन भोलेनाथ के साथ-साथ शेषनाग की पूजा का भी महत्व है।

महत्व: मौना पंचमी के दिन शिव के दक्षिणामूर्ति स्वरूप की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस रूप में शिव को ज्ञान, ध्यान, योग और विद्या का जगद्गुरु माना गया है। मान्यता है कि इस रूप में शिव की पूजा करने से बुद्धि तथा ज्ञान में बढ़ोतरी होती है जिससे व्यक्ति हर जीवन में सफलता पाता है। इस दिन पंचामृत और जल से शिवा का अभिषेक किया जाता है। हिंदू धर्म में विवाहि‍त मह‍िलाओं के लिए यह दिन विशेष महत्वपूर्ण होता है। कई जगह इस दिन से महिलाएं 15 दिन तक व्रत रखती हैं और हर दिन नाग देवता की पूजा करती हैं।

इस दिन क्यों रखें मौन व्रत: मौना पंचमी को शिव पूजा और मौन व्रत रखने के पीछे यही मूल संदेश है कि मौन मानसिक, वैचारिक और शारीरिक हिंसा पर लगाम लगाने का काम करता है। मौन व्रत व्यक्ति को मानसिक रूप से संयम और धैर्य रखना सिखाता है साथ ही वह शारीरिक ऊर्जा के नुकसान से भी बचने में सफलता दिलाता है। मान्यता है मौना पंचमी के दिन भगवान शिव और नाग देवता की पूजन करने से मनुष्‍य के जीवन में आ रहे कष्ट नष्‍ट हो जाते हैं। कई क्षेत्रों में लोग इस दिन आम के बीज, नींबू तथा अनार के साथ नीम के पत्ते भी चबाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये पत्ते शरीर से जहर समाप्त करने में काफी हद तक मदद करते हैं।