Masik Shivratri June 2023: आषाढ़ मास की शिवरात्रि का आज व्रत रखा जा रहा है। आज के दिन काफी शुभ योग बन रहे हैं। हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास की चतुर्दशी तिथि के मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। बता दें कि साल में 12 शिवरात्रि पड़ती है। जिसमें भगवान शिव की विधिवत पूजा के साथ व्रत रखने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और भोलेनाथ की पूजा करने से सभी समस्याओं से निजात मिल जाती है और हर क्षेत्र में सफलता हासिल होने के साथ तरक्की मिलती है। जून मास में आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जा रहा है। जानिए मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि।

मासिक शिवरात्रि 2023 का शुभ मुहूर्त

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरंभ- 16 जून को सुबह 8 बजकर 40 मिनट से शुरू

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्त- 17 जून को सुबह 9 बजकर 11 मिनट तक

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि 2023 पूजा मुहूर्त

आषाढ़ मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक
उत्तम मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से 02 बजकर 07 मिनट तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त – रात 09 बजकर 51 मिनट से रात 11 बजकर 07 मिनट तक है।
निशिता पूजा का मुहूर्त- देर रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक

मासिक शिवरात्रि 2023 पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद भगवान शिव का मनन करते हुए व्रत का संकल्प ले लें। अब भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आरंभ करें। शिवलिंग में दूध अभिषेक, जलाभिषेक करें। इसके साथ ही बेलपत्र, धतूरा, आक का फूल आदि चढ़ा दें। भगवान शिव और माता पार्वती को भोग लगाएं। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर शिव अष्टक, शिव चालीसा आदि का पाठ कर लें। अंत में विधिवत आरती कर लें। दिनभर व्रत रखने के बाद अगले दिन स्नान-दान करने के साथ अपना व्रत खोल लें।

मासिक शिवरात्रि में करें इन मंत्रों का जाप

  • ऊं नमः शिवाय।
  • नमो नीलकण्ठाय।
  • ॐ पार्वतीपतये नमः।
  • ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
  • ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।