वैदिक ज्योतिष अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन या किसी अन्य ग्रह के साथ युति बनाता है। तो इसका सीधा प्रभाव मानव जीवन और पृथ्वी पर पड़ता है। आपको बता दें कि 27 जून 2022 को राहु और मंगल की युति से अंगारक योग का निर्माण होने जा रहा है यह योग ज्योतिष की दृष्टि से अशुभ फल कारक होता है। भारत की कुंडली को ज्यादातर वृष लग्न से देखा जाता है उसी आधार पर यह युति भारत की कुंडली में बारहवें भाव में बनेगी जोकि देश के लिए हितकर नहीं है। यह युति 27 जून से 10 अगस्त लगभग 8:41PM तक रहेगी।
साथ ही 14 जुलाई तक शनि की इन दोनों ग्रहों पर दृष्टि रहेगी । वहीं 16 जुलाई से 4 अगस्त तक मंगल और राहु भरणी नक्षत्र में होंगे और 1 अगस्त को दोनों 24 डिग्री के होंगे। जिससे इस योग का प्रभाव सभी राशियों और भारत पर पड़ेगा। आइए एस्ट्रोलॉजर राकेश भारद्वाज से जानते हैं….
भारत पर अंगारक योग का प्रभाव:
1- अंगारक योग के निर्माण से महंगाई बढ़ सकती है।
2- वहीं इस योग के निर्माण से लोगों को खून से संबंधित बीमारी से सावधान रहने की जरूरत है। साथ ही हाई बीपी वाले भी अपनी सेहत का खास ख्याल रखें।
3- आगजनी की बड़ी घटनाएं हो सकती है। जिनमें (बिजली, रेलवे, पुलिस, आर्मी, एयरफोर्स, एयरलाइंस) डिपार्टमेंट को सावधानी बरतने की जरूरत है।
4- इस दौरान भूकंप आने की भी संभावनाएं हैं, जिसका केंद्र दक्षिण पूर्व हो सकता है।
5- रूस यूक्रेन का युद्ध कई और देशों को अपनी चपेट में ले सकता है इस युद्ध में बड़े पृथ्वी को दहला देने वाले हथियार का इस्तेमाल हो सकता है।
अंगारक योग का राशियों पर प्रभाव:
वैदिक ज्योतिष अनुसार मंगल और राहु एक साथ वृषभ राशि में विराजमान हों तब इसका सबसे ज्यादा असर कर्क, वृश्चिक और धनु पर देखने को मिलेका। इन तीन राशियों पर अंगारक योग के कारण मंगल की दृष्टि रहेगी। इसलिए इन तीन राशियों को 52 दिन तक सतर्क रहना चाहिए। क्योंकि मंगल 10 अगस्त को वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे, जिससे यह योग भी खत्म हो जाएगा। अन्य राशियों के लिए सामान्य फल कारक रहेगा।