Margshirsh Mahina 2022: मार्गशीर्ष मास यानि की अगहन मास 9 नवंबर 2022 से शुरू हो गया है। यह माह पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इस माह में भगवान कृष्ण की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है।

वहीं इस माह में पड़ने वाली अमावस्या का भी बहुत ही महत्व है। इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। मान्यता के अनुसार मार्गीशीर्ष अमावस्या को पितरों की शांति के लिए पिंड दान और उनका तर्पण करने से पितरों का आर्शिवाद प्राप्त होगा। यह माह 8 दिसंबर को समाप्त होगा।

मार्गशीर्ष माह में जरूर करें ये काम

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मार्गशीर्ष माह भगवान विष्णु का बहुत ही प्रिय महीना है। इस पूरे माह में विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आने की मान्यता है।

-इस पूरे माह श्रीमद्भगवत गीत का पाठ करना चाहिए।
-भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
-गंगा या किसी पवित्र नहीं में स्नान करना चाहिए।
-अपनी सामर्थ के अनुसार दान भी करना चाहिए।

मार्गशीर्ष माह में भूलकर भी न करें ये काम

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगहन महीने के पूरे माह में शराब आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। वहीं जीरे के उपयोग से भी परहेज करना चाहिए। इस माह में पड़ने वाले सप्तमी और अष्टमी तिथि को कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसे करने से धन हानि होने की मान्यता है।

मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली अमावस्या का महत्व

इस माह में पड़ने वाली अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या कहा जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या 23 नवंबर 2022 को पड़ रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन पितरों के तर्पण का विशेष महत्व है। पिंड दान और श्राद्ध करने से पितरों के आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही उनका आशिर्वाद भी प्राप्त होता है। वहीं इस दिन व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि आने की भी मान्यता है।