Margashirsha Amavasya 2022: इस माह की 23 तारीख को मार्गशीर्ष अमावस्या पड़ रही है। इसे अगहन अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन पितरों की शांति के लिए स्नान,दान आदि करने का विधान है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से घर में समृद्धि आती है और शांति का भी वातावरण बना रहता है।
Margashirsha Amavasya 2022 Puja Vidhi: मार्गशीर्ष अमावस्या व्रत और पूजा विधि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितरों के तर्पण के लिए इस अमावस्या का बहुत महत्व है। मान्यता है कि इस दिन पितरों का पूजन और व्रत रखने से पितरों का आशिर्वाद मिलता है।
सुबह जल्दी उठे और किसी पवित्र नदी में स्नान करें और फिर सूर्य को अर्घ्य दें। उसके बाद जल में काला तिल मिलकर उसे नदा में प्रवाहित करें। भगवान विष्णु और शिव की पूजा करें। इस दिन व्रत रखने वाले को दिन में जल नहीं ग्रहण करना होता है। दान करना भी लाभप्रद बताया गया है।
Margashirsha Amavasya 2022 Date: भगवान सत्यनारायण की करें पूजा
मान्यता के अनुसार इस दिन पितरों के तर्पण के अलावा भगवान सत्यनारायण की पूजा करनी चाहिए और उनका पाठ भी करना चाहिए। विधि-विधान से पूजा करने हलवे का भोग लगाना चाहिए और प्रसाद को लोगों में बांटना चाहिए। ऐसे करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
Margashirsha Amavasya 2022 Importance: मार्गशीर्ष अमावस्या महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या को पितरों के तर्पण का विधान है। इस दिन तर्पण और पिंड दान की भी विशेष महत्व है। मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
