Margashirsha Amavasya 2018: हिंदू धर्म में अमावस्या का खास महत्व है। अमावस्या को लेकर कई सारी मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। इनमें मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली अमावस्या अपना खास महत्व रखती है। मार्गशीर्ष महीने में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मार्गशीर्ष अमावस्या कहते हैं। कुछ लोग इसे अगहन और पितृ अमावस्या के नाम से भी पुकारते हैं। इस बार 7 दिसंबर, दिन शुक्रवार को मार्गशीर्ष अमावस्या पड़ रही है। कहते हैं कि मार्गशीर्ष अमावस्या माता लक्ष्मी को बहुत ही प्रिय है। मान्यता है कि इस अमावस्या पर माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से जीवन के सभी पाप कट जाते हैं। साथ ही इससे आर्थिक तंगी के दूर होने की बात भी कही गई है।
मार्गशीर्ष अमावस्या को पितरों के पूजन के लिए भी शुभ दिन माना गया है। कहा जाता है कि इस अमावस्या पर पूजन और व्रत करने से पितृ दोष समाप्त होता है। इस पूजा से पूर्वज प्रसन्न होतें हैं जिससे परिवार में खुशहाली और सम्मपन्नता आती है। साथ ही घर के सदस्यों को पितरों का आशीर्वाद मिलने से उन्हें जीवन में कई सारी सफलताएं हासिल होती हैं। इस प्रकार से कहा जाता है कि पितृ पक्ष के बाद मार्गशीर्ष अमावस्या के रूप में पितृ दोष दूर करने का एक और अवसर होता है। इसलिए पितृ दोष के शिकार लोगों को मार्गशीर्ष अमावस्या व्रत जरूर करना चाहिए।
मार्गशीर्ष अमावस्या पर गंगा स्नान को भी अत्यन्त शुभ फलदायी माना गया है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं। इससे व्यक्ति को अपने जीवन की कई सारी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। मालूम हो कि संतान प्राप्ति के लिए भी मार्गशीर्ष अमावस्या व्रत को कारगर माना गया है। कहा जाता है कि जो लोग सच्ची श्रद्धा के साथ मार्गशीर्ष अमावस्या पर व्रत करते हैं उन्हें जल्द ही संतान सुख मिलता है। इससे परिवार खुशियों से भर जाता है।
