माणिक्य को सूर्य देव का रत्न माना गया है। कहते हैं कि सूर्य का यह सबसे शक्तिशाली रत्न है। इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र में माणिक्य को सर्वाधिक प्रभावशाली रत्नों में गिना जाता है। बता दें कि सूर्य अग्नि प्रधान ग्रह है। माणिक्य को उसका प्रमुख रत्न माना गया है। माणिक्य कुरुन्दम समूह का रत्न है। यह मुख्य रूप से एल्युमीनियम ऑक्साइड है। माणिक्य को बहुत ही शक्तिशाली रत्न माना गया है। कहते हैं कि इसका असर तुरंत पड़ता है। आंखों, हड्डियों, हृदय, नाम और यश पर इसका सीधा प्रभाव माना गया है। मालूम हो कि माणिक्य कई रंगों का होता है। लेकिन गुलाबी रंग का माणिक्य सर्वाधिक प्रभावशाली माना गया है।
माणिक्य के राजकीय कार्य और प्रशासन में विशेष लाभ बताए गए हैं। कहते हैं कि माणिक्य धारण करने से मान-सम्मान में इजाफा होता है। साथ ही व्यक्ति का दूसरों पर प्रभाव भी काफी व्यापक हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि माणिक्य धारण करने से पिता और परिवार से रिश्ते अच्छे होने लगते हैं। इससे परिवार में खुशियों भरा माहौल रहता है। हर कोई एक-दूसरे का सम्मान करता है और साथ देता है। माणिक्य का सेहत पर भी सकारात्मक प्रभाव माना गया है। कहते हैं कि इससे मन प्रसन्न रहता है।
बता दें कि माणिक्य को धारण करने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखने के लिए कहा गया है। माणिक्य को अनामिका अंगुली या गले में धारण कर सकते हैं। इसे रविवार की दोपहर को पहनें तो काफी शुभ प्रभाव पड़ने की मान्यता है। ध्यान रहे कि माणिक्य के साथ हीरा, ओपल, नीलम और गोमेद न पहनें। हालांकि माणिक्य के साथ पीला पुखराज पहनना सबसे उत्तम माना गया है। यदि कुंडली नहीं हो तो इसे जरूरत के हिसाब से भी पहना जा सकता है।