देश-विदेश में भगवान शंकर के कई मंदिर हैं। इन मंदिरों में कुछ बेहद ही खास हैं। इन्हीं में से एक है श्री बिल्वेश्वरनाथ महादेव मंदिर। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थित है। इस मंदिर को लेकर एक बेहद ही रोचक कथा प्रचलित है। इस कथा के मुताबिक इस शिव मंदिर में मंदोदरी का रावण से मिलन हुआ था। श्री बिल्वेश्वरनाथ महादेव मंदिर में आस्था रखने वालों का कहना है कि त्रेता युग में मंदोदरी यहां पर नियमीत रूप से शिव जी पूजा करने आया करती थीं। मंदोदरी के साथ उनकी सखियां भी होती थीं। मंदोदरी शिव भक्त थीं। आखिरकार मंदोदरी की तपस्या से शिव जी प्रसन्न हुए। शिव ने उन्हें वरदान मांगने के लिए कहा। शिव की कृपा से यहीं मंदोदरी की मुलाकात रावण से हुई।
श्री बिल्वेश्वरनाथ महादेव मंदिर में एक शिवलिंग है। यह सिद्ध पीठ है। इसके अलावा यहां पर सिंदूरी श्री गणेश, माता पार्वती और सिद्धपीठ श्री भैरव जी भी विराजमान हैं। ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग का जलाभिषेक या रूद्राभिषेक करने से शिव जी बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। कहते हैं कि शिव के प्रसन्न होने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस मंदिर के पास एक मैदान है जिसे भैसाली मैदान के नाम से जाना जाता है। बताते हैं कि इस मैदान में राजा मय के समय सती सरोवर था। मंदोदरी इसमें स्नान करती थीं। और फिर पूजा के लिए जाती थीं।
इस मंदिर के द्वार बहुत ही छोटे हैं। और यह इस मंदिर की खासियत भी है। मंदिर में प्रवेश करने के लिए भक्तों को झुककर जाना पड़ता है। मंदिर के अंदर पीतल के बड़े-बड़े घंटे टंगे हुए हैं। ये घंटे बहुत ही प्रभावशाली हैं। इनकी ध्वनि बहुत दूर तक सुनाई देती है। श्री बिल्वेश्वरनाथ महादेव मंदिर का मुख्य द्वार उत्तराखंड के बद्रीनाथ मंदिर जैसा है। इस मंदिर में भगवान शिव का दर्शन करने के लिए भक्त काफी दूर-दूर से आते हैं। कहा जाता है कि यहां आए सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।