Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj: हर कोई अपने आराध्य की कृपा पाने के लिए विभिन्न नियमों के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। इसके साथ ही देवी-देवता की कृपा पाने के लिए मंदिर जाते हैं, जिससे उनका आशीर्वाद मिलने के साथ मानसिक शांति मिले। इसके साथ ही वहां जाकर आप भक्ति के वातावरण में रहकर सकारात्मक ऊर्जा की बढ़ोतरी होती है। इतना ही नहीं भगवान के दर्शन और आराधना से व्यक्ति के दोष धीरे-धीरे क्षीण होने लगते हैं। इसके साथ ही भजन, कीर्तन और आरती सुनने से मन में प्रसन्नता और सकारात्मकता बढ़ती है।
आज के समय में अधिकतर तीर्थस्थलों में भारी भीड़ होती है। ऐसे में अपने आराध्य के आराम से दर्शन कर पाना काफी मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में धक्का-मुक्की में कई लोगों का प्रसाद या फिर तुलसी, फूल, बेलपत्र आदि वहीं फर्श में गिर जाते है। जिन्हें कई लोग कुचल भी देते हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि मंदिर में पैर के नीचे फूल, माला या फिर प्रसादी आ जाने से क्या पुण्य नष्ट हो जाता है, क्या किसी तरह के पाप के भागी बन जाते हैं? ऐसे ही प्रेमानंद जी महाराज से एकांतिक वार्तालाप में एक व्यक्ति ने पूछा कि ऐसी अवस्था में हमें क्या करना चाहिए, जिससे किसी भी तरह का पाप न भोगना पड़े…
प्रेमानंद महाराज से एकांतिक वार्तालाप में एक व्यक्ति ने कहा कि मंदिर जाते हैं तो कई बार मंदिर में गिरे अनजाने में पैर के नीचे तुलसी, फूल, माला आदि चीजें आ जाती है, जिससे हमारा द्वारा किए सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में मेरा मन एकदम विचलित होता है। ऐसे में वह जब भी मंदिर जाते हैं, तो बहुत ही ध्यान से पैर रखते हैं। इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अगर आपका पैर अनजाने में फूल, माला, तुलसी आदि में पड़ जाता है, तो उसे आप उठा लें और माथे में लगा लेना चाहिए। इसके साथ ही इसे जेब में रख लें। बाद में इसे यमुना जी या अन्य पवित्र स्थल में बहा देना चाहिए।
पैरों के नीचे प्रसाद आ जाए, तो क्या करें
प्रेमानंद महाराज आगेत कहते हैं कि भगवान को चढ़ा हुआ फूल पैरों के नीचे आने से पाप लगता है। ऐसे में अगर आपके पैर के नीचे आ जाए, तो उसे उठाकर राधे-राधे कहते हुए माथे से लगाए और अपने पास रख लें और बाद में प्रवाहित कर दें।
प्रसाद लेने के नियम
आज के समय में लोग भगवान को फूल , माला, तुलसी आदि चढ़ाते समय बिल्कुल ध्यान नहीं देते हैं। वह पंडित जी से ऐसे ही प्रसादी ले लेते हैं, जो रास्ते में गिरता जाता है। हमेशा प्रसाद किसी कपड़े और महिलाओं को अपने आंचल में लेना चाहिए।
पैर के नीचे गिरे फूल न उठा पाएं, तो
कई बार धार्मिक स्थलों में इतनी ज्यादा भीड़ होती है कि आपको झुकना तक के लिए जगह नहीं मिलती है। ऐसे में अगर पैरों के नीचे अनजाने में फूल आदि आ जाए या फिर आपसे गिर जाए, तो फिर आप ऐसे ही सिर झुकाकर माफी मांग लें। ऐसा करने से पाप नहीं लगता है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 28 सितंबर को तुला राशि में रहकर मंगल दिग्बली हो गए हैं और कुंभ राशि में मौजूद राहु और मिथुन राशि में मौजूद गुरु एक-दूसरे से त्रिकोण में होंगे, जिससे काम त्रिकोण नामक योग का निर्माण होगा। ऐसे में 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव देखने को मिलेगा, लेकिन इन तीन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। जानें इन लकी राशियों के बारे में
डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।