महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) का पावन पर्व आने में अब कुछ ही दिनों का समय शेष रह गया है। साल में आने वाली सभी 12 शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए खास होती है लेकिन इस महाशिवरात्रि का सबसे अधिक महत्व माना गया है जो साल में एक ही बार आती है। मान्यता है कि इस फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आधी रात में भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे। जिस कारण इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। जानिए इस दिन शिवजी को प्रसन्न करने के लिए राशि अनुसार क्या उपाय करें…
मेष: इस राशि के जातक महाशिवरात्रि पर रक्तपुष्प से पूजन करें तथा अभिषेक शहद से करें। साथ ही ‘ॐ नम: शिवाय’ मंत्र का जप करें। शिवलिंग पर कच्चा दूध और दही जरूर चढ़ाएं।
वृष: शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाएं और भगवान शिव को श्वेत पुष्प अर्पित करें। महामृत्युंजय का मंत्र जपें। खोए की मिठाई चढ़ाएं।
मिथुन: इस राशि के जातक भगवान शिव का अर्क, धतूरा तथा दूध से अभिषेक करें। शिव चालीसा का पाठ करें। शिवलिंग पर लाल गुलाल, अक्षत, चंदन, ईत्र आदि अर्पित करें।
कर्क: आपको शिवलिंग का चंदन और अष्टगंध से अभिषेक करना चाहिए। शिव को श्वेत कमल और पुष्प अर्पित करें। इसके बाद बेर और आटे से बनी रोटी का भोग लगाएं। शिवाष्टक पढ़ें।
सिंह: भगवान शिव का रक्त पुष्प तथा पंचामृत से पूजन-अभिषेक करें। शिवलिंग पर फलों का रस और पानी मिलाकर भी चढ़ा सकते हैं। मिठाई का भोग लगाएं। शिव महिम्न स्त्रोत पढ़ें।
कन्या: महाशिवरात्रि के खास अवसर पर आपको बेर, धतूरा, भांग और आंकड़े का फूल शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। शिव पुराण में वर्णित कथा का वाचन करें।
तुला: महाशिवरात्रि पर श्वेत पुष्प तथा दुग्ध धारा से पूजन-अभिषेक करें। शिव को गुलाब, चावल, चंदन, बिल्व पत्र और मोगरा भी चढ़ाएं। महाकाल सहस्त्रनाम पढ़ें।
वृश्चिक: इस राशि के जातकों को शिवलिंग का रक्त पुष्प तथा सरसों के तेल से पूजन-अभिषेक करना चाहिए। फिर शिव को शहद और घी लगाएं और जल से स्नान करा कर पूजा करें। शिव जी के 108 नामों का स्मरण करें।
धनु: आपको शिवलिंग का श्रृंगार करना चाहिए। पीले फूल तथा सरसों के तेल से पूजन अभिषेक करना चाहिए। साथ ही पूजा के समय 12 ज्योतिर्लिंगों का स्मरण करें। भगवान को सूखे मेवे का भोग लगाएं।
मकर: नीले फूल चढ़ाएं तथा गंगाजल से अभिषेक करें। इस दिन शिवलिंग पर गेंहू भी जरूर चढ़ाएं। शिव पंचाक्षर मंत्र का जप करें।
कुंभ: इस दिन जल में सफेद और काले रंग का तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। शिव षडाक्षर मंत्र का 11 बार स्मरण करें।
मीन: पीले पुष्प तथा मीठे जल से भगवान शिव का अभिषेक करें। शिवलिंग पर चने की दाल चढ़ाएं। रावण रचित शिव तांडव का पाठ करें।