Mahalaxmi Yantra: हर इंसान चाहता है कि उसके जीवन में सुख- समृद्धि का वास रहे। साथ ही आर्थिक स्थिति ठीक बनी रहे। इसके लिए वह दिन- रात मेहनत भी करता है। लेकिन फिर भी कई लोगों के जीवन में धन का अभाव बना रहता है। ज्योतिष शास्त्र में आर्थिक तंगी और धन में वृद्धि लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिसमें से एक है महालक्ष्मी यंत्र। इस यंत्र का संबंध माता लक्ष्मी से है। आइए जानते हैं इस यंत्र के बारे में…
जानिए क्या है महालक्ष्मी यंत्र और लाभ:
धार्मिक मान्यताओं अनुसार श्वेत हाथियों के द्वारा स्वर्ण कलश से स्नान करती हूई कमल पर विराजमान देवी महालक्ष्मी के पूजन से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यदि घर में पैसा टिक नहीं पा रहा है या फिर किसी न किसी कारण पैसों की समस्या बनी रहती है तो इसके लिए आप अपने घर या ऑफिस में महालक्ष्मी यंत्र की स्थापना कर सकते हैं। ऑफिस या प्रतिष्ठान पर इस यंत्र को पैसे रखने वाली जगह पर रखें और रोज इसको धूप-अगरबत्ती दिखाएं। इस यंत्र को धनदाता या श्रीदाता भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस यंत्र को स्थापित करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इस यंत्र को आप बुधवार के दिन सुबह स्थापित कर सकते हैं।
महालक्ष्मी यंत्र का महत्व:
इस यंत्र से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार लक्ष्मी जी पृथ्वी से बैकुंठ धाम चली गई थीं। जिससे पूरी पृथ्वी पर संकट आ गया। तब महर्षि वशिष्ठ ने महालक्ष्मी की धरती पर वापसी के लिए और प्राणियों के कल्याण के लिए श्री महालक्ष्मी यंत्र को स्थापित किया और इस यंत्र की विधि विधान साधना की। ऐसा माना जाता है कि इस यंत्र की साधना से लक्ष्मी जी पृथ्वी पर प्रकट हो गईं। बता दें कि जब किसी मंत्र को कोई आकार दिया जाता है तो वह यंत्र कहलाता है।
महालक्ष्मी यंत्र नोट:
इस यंत्र की स्थापना किसी भी दिन नहीं की जाती है। इसकी स्थापना किसी बेहद ही शुभ मुहूर्त, दीपावली, धनतेरस, अभिजीत मुहूर्त या रविपुष्य योग, बुधवार के दिन ही करनी चाहिए। इस यंत्र के साथ श्रीयंत्र रखने से सभी कार्यों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती हैं। इस यंत्र को खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि यह विधिवत बनाया गया हो और प्राण प्रतिष्ठित हो। श्री महालक्ष्मी यंत्र को खरीदने के बाद किसी अनुभवी ज्योतिषी वेद- पाठी ब्रह्राण द्वारा इसे अभिमंत्रित कराकर घर की सही दिशा में ही स्थापित करना चाहिए।
