Mauni Amavasya, Amrit Snan Date: शास्त्रों के अनुसार हर 12 साल बाद कुंभ का आयोजन होता है। वहीं इस बार प्रयागराज में 13 जनवरी से कुंभ का आयोजन शुरू हो चुका है। यह कुंभ का संयोग लगभग 144 साल बाद बना है। इसलिए दुनियाभर से साधु संत से लेकर श्रद्धालु संगम में स्नान करने पहुंच रहे हैं। वहीं आपको बता दें कि महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन हो चुका है और दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या 29 जनवरी को यानी कि आज है। वहीं इस दिन अमावस्या तिथि भी है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। क्योंकि इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करने का भी विधान है। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या पर दान- स्नान करने का शुभ मुहूर्त…
मौनी अमावस्या कब से कब तक (Mauni Amavasya 2025 Tithi)
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7.32 बजे शुरू होगी और 29 जनवरी की शाम 6.05 बजे खत्म होगी।
मौनी अमावस्या स्नान दान का शुभ मुहूर्त
- 29 जनवरी 2025 अमावस्या तिथि ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 30 मिनट से सुबह 6 बजकर 21 मिनट पर
- 29 जनवरी 2025 अमावस्या तिथि लाभ चौघड़िया सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर
- अमृत चौघड़िया सुबह 8 बजकर 31 मिनट से 9 बजकर 53 मिनट पर
- शुभ चौघड़िया सुबह 11 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक।
अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी 2025 को अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5.25 बजे से 6.18 बजे तक रहेगा। इसके बाद प्रातः संध्या मुहूर्त 5.51 बजे से 7.11 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
इन मंत्रों का करें जाप
अगर आप संगम में मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने जा रहे हैं तो आप लोग संगम में खड़े होकर इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही सुख- समृद्धि का वास बना रहेगा।
- ॐ श्री पितराय नम:
- ॐ श्री पितृदेवाय नमः
- ॐ श्री पितृभ्य: नम:
- ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नमः
- ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात् ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम: ॐ आद्य भूताय विद्महे सर्व सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति स्वरूपेण पितृ देव प्रचोदयात्