Mahakumbh 2025 Mauni Amavasya Amrit Snan Date: महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी 2025 यानी मकर संक्रांति के दिन किया गया। इस दौरान साधु-संतों के साथ देशी और विदेशी श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद भक्त अब दूसरे अमृत स्नान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हिंदू धर्म में अमृत स्नान को बड़ा ही महत्वपूर्ण और पुण्यकारी माना जाता है। यह दिन पवित्रता और पुण्य कमाने के लिए बेहद खास माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमृत स्नान के दिन शुभ मुहूर्त में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसे में आइए जानते हैं महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान कब होगा, साथ ही जानिए स्नान दान का शुभ मुहूर्त और महत्व।

महाकुंभ 2025 दूसरा शाही स्नान कब होगा?

महाकुंभ 2025 का दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी 2025 मौनी अमावस्या के दिन होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7:35 बजे शुरू होगी और 29 जनवरी की शाम 6:05 बजे खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से स्नान 29 जनवरी को किया जाएगा। इस दिन संगम पर भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। आपको बता दें कि इसके बाद तीसरा शाही स्नान 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी के दिन किया जाएगा।

स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान का बेहद महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 29 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:25 बजे से 6:19 बजे तक रहेगा। ऐसे में इस दौरान स्नान और दान को बेहद शुभ माना गया है। अगर इस समय में स्नान नहीं कर पाएं, तो सूर्योदय से सूर्यास्त तक कभी भी स्नान और दान कर सकते हैं।

मौनी अमावस्या के दिन डुबकी लगाना माना जाता है खास

मौनी अमावस्या का दिन खास इसलिए है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पितृ धरती पर आते हैं। अगर इस दिन संगम में स्नान के साथ पितरों का तर्पण और दान किया जाए, तो उनकी आत्मा तृप्त होती है और उन्हें मोक्ष मिलता है। इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और परिवार पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। सिर्फ पितरों के लिए ही नहीं, मौनी अमावस्या का स्नान हर व्यक्ति के लिए खास माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। यह दिन आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

आपको बता दें कि कुंभ में 13 अखाड़े के साधु- संत शामिल होते हैं और वह ही सबसे स्नान क्रम के अनुसार स्नान करते हैं। वहीं आपको बता दें कि कुंभ में नागा साधु भी शामिल होते हैं। आइए जानते हैं नागा साधु कैसे बनते हैं और वह कुंभ के बाद कहां चले जाते हैं…

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