Pitrudosh Mukti Upay : हिंदू धर्म में कुंभ का विशेष महत्व है। इस बार कुंभ प्रयागराज में लगा है। बताया जा रहा है यह कुंभ लगभग 144 साल बाद लगा है और यह 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक चलेगा। आपको बता दें कि कुंभ मेले का आयोजन ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर किया जाता है। कुंभ मेला तब आयोजित होता है जब सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति एक विशिष्ट स्थिति में होते हैं। वहीं आपको बता दें कि ज्योतिष में कुछ ऐसे उपायों का वर्णन मिलता है, जिनको कुंभ में करने से आपको पितृ और कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है। आइए जानते हैं ये उपाय कौन से हैं…

कुंभ में स्नान के बाद करें ये उपाय

1- कुंभ में स्नान करने के बाद सबसे पहले व्यक्ति को थोड़ा सा जल लेकर सूर्य देव को अर्पित करना चाहिए। साथ ही इसके बाद पितरों के निमित्त गंगाजल हाथ में लेकर अर्पित करना चाहिए। साथ ही हाथ जोड़कर सुख- समृद्धि का आशीर्वाद मांगना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष के अशुभ प्रभाव में कमी आएगी।

2- करें श्राद्ध और तर्पण

अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो आप प्रयागराज में संगम तट के किनारे गंगा स्नान के बाद श्राद्ध और तर्पण कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। इसके अलावा, महाकुंभ में आए हुए साधु-संतों की सेवा करें. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं. साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

3- कुंभ में इन चीजों का करें दान

महाकुंभ में स्नान के बाद कपड़े, सोना, चांदी और दक्षिणा का दान करें। साथ ही जरूरतमंद लोगों को भोजन भी कराएं। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है।

4- कालसर्प दोष से मिल सकती है मुक्ति

महाकुंभ में प्रयागराज के तट पर किसी भी शिव मंदिर पर रुद्राभिषेक कराएं। साथ ही नाग नागिन के जोड़े गंगा जी में अर्पित करें। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है। साथ जीवन में संपन्नता बनी रहेगी और राहु- केतु के अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिलेगा।

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