Famous Temples Of Prayagraj: प्रयागराज को धर्म और आस्था का केंद्र माना जाता है। यह शहर संगम के लिए मशहूर है, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी मिलती हैं। कहते हैं कि संगम में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। खासकर महाकुंभ के दौरान यहां करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। वहीं, संगम स्नान के बाद लोग कुछ दिन रुककर शहर के मशहूर मंदिरों के दर्शन करना पसंद करते हैं। ऐसे में अगर आप भी प्रयागराज जा रहे हैं, तो इन प्राचीन मंदिरों के दर्शन करने जा सकते हैं।

सोमेश्वर नाथ मंदिर (Someshwar Nath Mandir)

सोमेश्वर नाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यमुना किनारे अरैल गांव में स्थित है। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना खुद चंद्रमा ने की थी। पौराणिक कथा के अनुसार, राजा दक्ष के श्राप से चंद्रमा बीमार हो गए थे। तब उन्होंने भगवान शिव की पूजा की और ठीक हो गए। तभी से यह मंदिर आस्था का बड़ा केंद्र बना हुआ है।

श्री बड़े हनुमान मंदिर (Shri Bade Hanuman Ji Mandir)

यह मंदिर हनुमान जी की विशाल लेटी हुई प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। मूर्ति की लंबाई करीब 20 फीट बताया जाता है। इसे ‘बांध वाले हनुमान मंदिर’ भी कहा जाता है। खास बात यह है कि जब संगम का जलस्तर बढ़ता है, तो हनुमान जी की मूर्ति खुद ही जलमग्न हो जाती है और पानी कम होते ही फिर से दिखाई देने लगती है।

नाग वासुकी मंदिर (Nagraj Vasuki Temple)

दारागंज में स्थित यह मंदिर नाग देवता को समर्पित है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान नागराज वासुकी घायल हो गए थे और भगवान विष्णु ने उन्हें प्रयागराज में विश्राम करने को कहा था। कहा जाता है कि मां गंगा जब स्वर्ग से पृथ्वी पर आई थीं, तब उनकी धारा सीधे नागराज वासुकी के फन पर आकर गिरी थी।

शंकर विमान मंडपम (Shri Adi Shankar Vimana Mandapam)

त्रिवेणी संगम पर स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसकी ऊंचाई लगभग 130 फीट है और इसे आदि शंकराचार्य की याद में बनाया गया था। इस मंदिर की भव्यता और शांति श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आकर्षित करती है।

वेणी मंदिर (Veni Mandir)

दारागंज में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु के ‘वेणी माधव’ स्वरूप को समर्पित है। मान्यता है कि ब्रह्माजी ने प्रयागराज की सुरक्षा के लिए भगवान विष्णु के 12 स्वरूपों की स्थापना की थी, जिनमें से यह मंदिर प्रमुख है। यहां भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी भी विराजमान हैं। कुंभ मेले के दौरान इस मंदिर के दर्शन करना शुभ माना जाता है।

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