Mahakumbh 2025: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन यानी कि महाकुंभ का जोर-शोर से पूरी दुनिया में डंका बज रहा है। देश-दुनिया से करोड़ों की संख्या में लोग पवित्र संगम में डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। आपको बता दें कि इस बार महाकुंभ का आयोजन यूपी के प्रयागराज में हुआ है। इस मेले का आयोजन हर 12 वर्षों में आयोजित किया जाता है और यह मेला भारत के 4 शहरों में आयोजित किया जाता है, जिनमें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक शामिल हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ में स्नान करने से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि महाकुंभ स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को कुछ मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। तो चलिए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में।
महाकुंभ स्नान के दौरान करें इन मंत्रों का जाप
ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ स्नान के दौरान गंगा की स्तुति जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से जातकों को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही भगवान शिव जी के कुछ खास मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से आपसे देवी-देवता प्रसन्न होंगे और आपकी सभी इच्छा भी जल्द पूरी होगी। पुराणों और शास्त्रों में कुछ खास मंत्रों के बारे में जिक्र किया गया है, जिनके पाठ से कई तरह की समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है।
महाकुंभ स्नान के लिए खास मंत्र
मान्यता है कि मां गंगा के इन मंत्रों का जाप करने से मां गंगा खुश होती हैं और भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
‘ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।’
‘गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु।।’
‘गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि।
मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति।।’
गंगा स्रोत का गंगेय श्लोक भी बेहद पवित्र माना गया है…
गांगं वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतम् ।
त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु माम् ॥
देवि सुरेश्वरि भगवति गङ्गे त्रिभुवनतारिणि तरलतरङ्गे ।
शङ्करमौलिविहारिणि विमले मम मतिरास्तां तव पदकमले ॥
भगवान शिव के मंत्र
‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।’
यह मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए है।
गायत्री मंत्र
‘ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं।’
यह मंत्र आत्मशुद्धि और सकारात्मकता के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
महाकुंभ में स्नान का महत्व
महाकुंभ में गंगा स्नान को बहुत शुभ माना गया है। मान्यता है कि यहां स्नान करने से जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं और नई ऊर्जा मिलती है। इसके साथ ही पवित्र जल में डुबकी लगाते वक्त लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि महाकुंभ में स्नान करने से आत्मा शुद्ध होती है और भगवान का आशीर्वाद मिलता है। आपको बता दें कि महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है। यहां हर कोने से लोग आते हैं, भले ही उनकी भाषा या रहन-सहन अलग हो।
यह भी पढ़ें…
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।