Maha Shivratri (Mahashivratri) 2020: महाशिवरात्रि पर्व इस बार 21 फरवरी को मनाया जायेगा। कई लोग इस दिन को शिव और पार्वती के विवाह के उत्सव के तौर पर देखते हैं तो कई इसे शिव का प्राक्टय दिवस के रूप में मनाते हैं। वैसे तो शिवरात्रि हर महीने में आती है लेकिन फाल्गुन मास में आने वाली इस महाशिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन शिव भक्त पूरी रात जागते हैं और अपने आराध्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं। जानिए महाशिवरात्रि का महत्व और इस बार किन कारणों की वजह से ये पर्व रहने वाला है खास…

महाशिवरात्रि पर शश योग: ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर शश योग बन रहा है। इस दिन पांच ग्रहों की पुनरावृत्ति होने के साथ ही शनि और चंद्र मकर राशि में तो गुरु धनु में, बुध कुंभ राशि में तथा शुक्र मीन राशि में रहेंगे। कहा जा रहा है इससे पहले ऐसा योग आज से 59 वर्ष पूर्व यानी कि साल 1961 में बना था। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस योग में साधना सिद्धि करने से विशेष फल प्राप्त होता है। 21 फरवरी को सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। शुभ कार्यों को संपन्न करने के लिए यह योग खास माना जाता है।

महाशिवरात्रि का महत्व: कई पौराणिक कथाओं में इस बात की जानकारी मिलती है कि इस दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए फाल्गुन कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्दशी को शिव और शक्ति के उत्सव के रूप में लोग मनाते हैं। एक दूसरी कथा के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन शिवजी पहली बार प्रकट हुए थे। उनका ये प्राकट्य अग्नि के शिवलिंग के रूप में हुआ था। इस शिवलिंग का न तो आदि था और न अंत। इसलिए लाख कोशिशों के बाद भी इसके आधार और ऊपरी भाग को ढूंढने में ब्रह्मा और विष्णु भगवान दोनों को ही सफलता न मिल सकी।

महाशिवरात्रि को लेकर एक कथा ये भी प्रचलित है कि इस दिन शिवलिंग विभिन्न 64 जगहों पर प्रकट हुए थे। जिनमें से केवल 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में ही सब जानते हैं। महाशिवरात्रि के दिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में लोग दीपस्तंभ लगाया जाता है। दीपस्तंभ इसलिए लगाते हैं ताकि शिवजी के अग्नि वाले अनंत लिंग का इस दिन अनुभव किया जा सके।