Mahashivratri Vrat Paran Time (महाशिवरात्रि व्रत पारण विधि): वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। जो कि आज यानी 26 फरवरी को है। यह दिन महादेव को समर्पित होता है। वहीं इस दिन भक्त भोलेनाथ और देवी पार्वती की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। साथ ही भगवान शिव भक्तों के सभी कष्ट हर लेते हैं। आपको बता दें कि महाशिवरात्रि पर व्रत रखने का भी विशेष महत्व होता है। वहीं आपको बता दें कि भगवान शिव की पूजा रात में करना अत्यंत शुभ फलदायी होती है। इसलिए अगले दिन ब्रह्रा मुहूर्त में व्रत का पाऱण करना चाहिए। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के दिन किस मुहूर्त में पारण करें और क्या नियम हैं…
चार प्रहर की पूजा का शुभ मुहूर्त
1 – रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का समय : शाम 6 बजकर 19 मिनट से रात्रि 9 बजकर 26 मिनट के बीच
2- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा का समय : रात्रि 9 बजकर 26 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 34 मिनट के बीच (27 फरवरी)
3 – रात्रि तृतीय प्रहर पूजा का समय : मध्यरात्रि 12 बजकर 34 मिनट से मध्यरात्रि 3 बजकर 41 मिनट के बीच (27 फरवरी)
4 – रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा का समय : सुबह तड़के 3 बजकर 41 मिनट से सुबह 6 बजकर 48 मिनट के बीच (27 फरवरी)
महाशिवरात्रि व्रत पारण का शुभ समय
महाशिवरात्रि पारण समय: 27 फरवरी को सुबह 06 बजकर 48 मिनट से सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक है।
बन रहा है ये योग
वैदिक पंचांग के अनुसार त्रिग्रही योग बन रहा है। यह योग शनि, बुध और सूर्य के संयोग से बनेगा। ज्योतिष में त्रिग्रही योग को बेहद शुभ माना गया है।
महाशिवरात्रि के दौरान पारण के दौरान इन नियमों का करें पालन
- 1- पारण के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- 2-भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा करें, उन्हें जल, बेलपत्र, फल और मिठाई अर्पित करें। साथ ही शिव चालीसा और शिव जी की आरती करें।
- 3- पारण में सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मांस, मछली आदि का सेवन न करें।
- 4- पारण से पहले ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और व्रत का पूर्ण फल मिलता है।