Mahashivratri (महाशिवरात्रि) 2021 Date: महाशिवरात्रि व्रत को हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत को बच्चे से लेकर बड़े, हर कोई रखता है, श्रद्धालु इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव का माता पार्वती के साथ विवाह संपन्न हुआ था। बता दें कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हर साल महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस बार ये व्रत गुरुवार, 11 मार्च को रखा जाएगा। इस दिन भक्त मंदिरों में शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, फल और फूल अर्पित करते हैं। आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी खास बातें, पूजा विधि और मुहूर्त –
इस दिन का खास है महत्व: शिवरात्रि व्रत पर भगवान महादेव और देवी पार्वती की पूजा होती है। माना जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। दांपत्य जीवन में खुशियां लाने के लिए, मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त करने के लिए भक्त इस दिन व्रत करते हैं। मान्यता है कि जिन किशोरियों की शादी में अड़चनें आ रही हों, उन्हें अवश्य ये व्रत रखना चाहिए। जो भक्त ये व्रत रखते हैं, भगवान शिव सदैव उनपर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखते हैं। मान्यता है कि महादेव के आशीर्वाद से घरों में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
किस तरह करें महादेव की पूजा: महाशिवरात्रि के दिन प्रातः काल में जल्दी उठ जाएं और नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं। फिर जिस जगह पूजा करते हैं, वहां साफ कर लें। इसके बाद महादेव को पंचामृत से स्नान करें। फिर उन्हें तीन बेलपत्र, भांग धतूरा, जायफल, फल, मिठाई, मीठा पान, इत्र अर्पित करें। चंदन का तिलक लगाएं, फिर खीर का भोग लगाएं। दिन भर भगवान शिव का ध्यान करें, उनकी स्तुति करें। रात के समय प्रसाद रूपी खीर का सेवन कर पारण करें और दूसरों को भी प्रसाद बांटें।
जानें शुभ मुहूर्त:
महाशिवरात्रि तिथि – 11 मार्च, बृहस्पतिवार
निशिता काल का समय – 11 मार्च, रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक
पहला प्रहर – 11 मार्च, शाम 06 बजकर 27 मिनट से 09 बजकर 29 मिनट तक
दूसरा प्रहर – 11 मार्च, रात 9 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
तीसरा प्रहर – 11 मार्च, रात 12 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक
चौथा प्रहर – 12 मार्च, सुबह 03 बजकर 32 मिनट से सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक
शिवरात्रि पारण का समय – 12 मार्च, सुबह 06 बजकर 34 मिनट से शाम 3 बजकर 02 मिनट तक